मणिपुर में शरणार्थी: म्यांमार (म्यांमार) में आंतरिक कलह और हिंसा का दबाव भारत के सरहदी सुबे भी लगातार अभियान चला रहे हैं। भारत में शरण लेने की जुगत में म्यांमार के नागरिक अवैध तरीके से घुसपैठ के रास्ते तलाशते रहते हैं। इसी कड़ी में बीते 26 जनवरी को करीब 80 शरणार्थियों (शरणार्थियों) को मोर सीमा (मोरेह बॉर्डर) के इलाके में पकड़ा गया है।
मणिकर्ण के पात्र एन बीरेन सिंह (एन. बीरेन सिंह) ने सीमा पर रहने वाले सभी नागरिकों से कहा है कि अवैध घुसपैठियों के बारे में सूचना प्रशासन को दें। ऐसा न करने वालों के खिलाफ घुसपैठियों को शरण देने के मामले में कार्रवाई की जाएगी।
म्यांमार के 80 नागरिकों को पकड़ा गया
मणिकर्ण सरकार के मुताबिक गत 26 जनवरी को सूचना मिली कि मोरे सब डिवीजन में एच लंगचम के पास एक नया गांव बस गया है। नए सालबङ्ग नाम के इस गांव की जानकारी ही मिलते तेंगानोपाल पुलिस प्रशासन की टीमों और मोरे सब डिवीजन के सरकारी अमले ने रणनीति पर पहुंचकर चौकसी की। इस स्थिति में म्यांमार के 80 नागरिकों को पकड़ा गया है जिनमें से करीब 10 बच्चे शामिल हैं।
26 लोगों को इंफाल सेंट्रल जेल भेजा गया
इन सभी लोगों को मणि के चंद्रचंद्रपुर में निर्मित अस्थाई डिटेंशन सेंटर में रखा गया है। साथ ही करीब 26 लोगों को इंफाल सेंट्रल जेल में भी स्थानांतरित किया गया है।
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