केंद्रीय बजट 2023 की मुख्य विशेषताएं: अगले साल होने वाले आम चुनाव से पहले वित्त मंत्री निर्मल सीतारामन (निर्मला सीतारमण) ने बुधवार (1 फरवरी) को मोदी सरकार का अंतिम पूर्ण बजट पेश किया। वित्त मंत्री ने बजट में सभी लोगों को साधने का प्रयास किया। उन्होंने जहां एक तरफ मध्यम वर्ग और नौकरीपेशा लोगों को लोड मोर्चों पर राहत देने की घोषणा की, वहीं लघु बचत योजनाओं के तहत निवेश सीमा बढ़ाए और नई बचत योजना के जरिए महिलाओं को भी सौगात दी। बजट को केंद्र सरकार ने ‘अमृत काल’ का बजट बताया तो विपक्षी दलों ने चुनावी बजट का दावा करते हुए कहा कि इसमें युवाओं के लिए कुछ नहीं है।
1. वित्त मंत्री निर्मल सितारामन ने बजट पेश करते हुए कहा कि नई कर व्यवस्था के तहत एक अप्रैल से व्यक्तिगत छूट सीमा को बढ़ा सात लाख रुपए कर दिया गया है। इसका मतलब है कि अगर किसी व्यक्ति की आय सात लाख रुपए है, तो उसे कोई टैक्स नहीं देना होगा। अबतक यह सीमा पांच लाख रुपये है। ही साथ कर ‘स्लैब’ को सात से घटाकर पांच किया गया है। साथ ही स्कोप की दर 37 प्रतिशत से घटाकर 25 प्रतिशत करने के बाद कर की अधिकतम दर 42.7 प्रतिशत से घटकर लगभग 39 प्रतिशत रह जाएगी।
2. वित्त मंत्री ने वरिष्ठ नागरिकों को भी राहत दी है। इसके तहत वरिष्ठ नागरिक बचत योजना के तहत सागर सीमा 15 लाख रुपये से बढ़ाकर 30 लाख रुपये कर दी गई है। वहीं आय मासिक योजना के तहत सीमा बढ़ती नौ लाख रुपये की है। महिलाओं के लिए अलग से नई बचत योजना- महिला सम्मान बचत पत्र की घोषणा की गई। इसमें दो साल के लिए दो लाख रुपये की बचत पर 7.5 प्रतिशत का ब्जीज मिलेगा।
3. वित्त मंत्री ने अपना पांचवां पूरा बजट ऐसे समय में पेश किया, जब वैश्विक घृणा के कारण उद्योग की धीमी गति आ रही है और सामाजिक क्षेत्रों पर खर्च बढ़ाने के साथ स्थानीय स्तर पर विनिर्माण को प्रोत्साहन बढ़ाने की आवश्यकता है। उन्होंने मोबाइल फोन कल-पुर्जों और हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए लीथियम बैटरी और अन्य सामान के लिए सीमा शुल्क में भी कटौती की घोषणा की।
4. सितारामन ने अपने बजट भाषण में कहा कि इस बजट में पिछले बजट में रखी गई शटर पर लगातार निर्माण करते हुए ‘भारत ऐट 100’ के लिए खींची गई लाइन पर आगे बढ़ने की आशा की गई है। उन्होंने कहा कि भारतीय उद्योग जगत के सितारे चमक रहे हैं। चालू वित्त वर्ष में सात प्रतिशत वृद्धि का अनुमान है जो बड़ी उद्योगों में सबसे अधिक है। सितारामन ने कहा कि कोविड-19 महामारी और रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था के बावजूद देश की अर्थव्यवस्था पटरी पर है।
5. घाटा रिकॉर्ड का 5.9 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया जाता है। यह चालू वित्त वर्ष के 6.4 प्रतिशत के अनुमान से कम है। इसका मतलब है कि सरकार को कुल 15.43 लाख करोड़ रुपये कर्ज लेना पड़ेगा। सिताररामन ने कहा कि 2023-24 के बजट में सात प्राथमिकताएं रखी गई हैं। ये समावेशी विकास हैं, अंत अंत पर जारी व्यक्ति तक शेयरचेयर, बुनियादी ढांचे और निवेश क्षमता को सामने लाना, हरित विकास, युवा शक्ति और वित्तीय क्षेत्र। बजट में पशुपालन, सीमा और मत्स्यपालन पर कृषि ऋण का लक्ष्य बढ़ाकर 20 लाख करोड़ रुपये किया गया है।
6. मझोले और छोटे दिखावे के लिए एक्सपोजर को लेकर 9,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। रेलवे के लिए 2.40 लाख करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय का प्रावधान किया गया है। यह अबतक का सबसे अधिक पूंजीगत व्यय है। साथ ही 2013-14 में नए व्यय के करीब नौ गुना अधिक है। बजट में विद्युत सुधार यानी स्वच्छ ऊर्जा की ओर तेजी से कदम बढ़ाना और शुद्ध रूप में जीरो कार्बन के लिए 35,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। लुक मकान के प्रधान आवास योजना के तहत व्यय को 66 प्रतिशत बढ़ाकर 79,000 करोड़ रुपए दिए गए हैं।
7. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बजट को ऐतिहासिक चेतावनी देते हुए कहा कि ”अमृत काल” के पहले बजट ने विकसित भारत के संकल्प और घबराहट एवं मध्यम वर्ग सहित आकाक्षी समाज के सपनों को पूरा करने के लिए एक मजबूत आधार स्थापित किया है। पीएम मोदी ने कहा कि मध्यम वर्ग को सशक्त बनाने के लिए सरकार ने पिछले वर्षों में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं, जिससे उनकी जीविका सुनिश्चित हुई है। कर की दर कम कर दी जाती है और इस प्रक्रिया को आसान बना दिया जाता है। हमेशा मध्यम वर्ग के साथ रहने वाली सरकार ने मध्यम वर्ग को कर में बड़ी राहत दी है।
8. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बजट को ‘मित्र अवधि बजट’ का दावा करते हुए कहा कि इससे यह साबित होता है कि सरकार के पास भारत के भविष्य के निर्माण की कोई रूपरेखा नहीं है। उन्होंने ट्वीट किया कि मित्र अवधि बजट में रोजगार सृजन को लेकर कोई दृष्टिकोण नहीं है, प्रत्यक्ष से निपटने के लिए कोई योजना नहीं है और हमेशा दूर करने का कोई इरादा नहीं है। उन्होंने कहा कि एक प्रतिशत सबसे अमीर लोगों के पास 40 प्रतिशत संपत्ति है, 50 प्रतिशत गरीब लोग 64 प्रतिशत रिपोर्ट देते हैं, 42 प्रतिशत युवा अनुमान लगाते हैं। इसके बाद भी प्रधानमंत्री को कोई परवाह नहीं है। बजट से साबित हुआ कि सरकार के पास भारत के भविष्य के निर्माण के लिए कोई रूपरेखा नहीं है।
9. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि इसमें सभी बातों का ध्यान नहीं रखा गया है और ये जनविरोधी बजट है। अटकाव में बदलाव से किसी की मदद नहीं होगी। ये बजट केवल एक वर्ग के लोगों को मिलेगा। ये बजट देश की बेरोजगारी के मुद्दों को हल करने में मदद नहीं करेगा। इसे 2024 के विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है।
10. दिल्ली के अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पिछले साल 1.75 लाख करोड़ रुपये से अधिक का देनदारी चुकाने के बावजूद दिल्ली को केंद्रीय बजट 2023-24 में केवल 325 करोड़ रुपये दिए गए थे। सेंटर पर राष्ट्रीय राजधानी के साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि बजट (केंद्रीय बजट 2023) में नौकरी और बेरोजगारी की दोहरी स्थिति से कोई राहत नहीं मिली है। दिल्ली के लोगों के साथ एक बार फिर सौतेला व्यवहार किया गया।
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