सुरेश रैन, एमएस धोनी: 15 अगस्त 2020 का दिन कोई भी भारतीय क्रिकेट फैंस कभी नहीं भूल सकते हैं। स्वतंत्रता दिवस की शाम को भारतीय क्रिकेट इतिहास के सबसे सफल कप्तानों में से एक विकेटकीपर-बल्लेबाज सिंह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से अपने संन्यास का ऐलान किया था। क्रिकेट के प्रशंसक इस फैसले से जुड़े नहीं थे कि कुछ समय बाद ही उनके साथ लंबे समय तक बल्लेबाज़ी करने वाले बल्लेबाज़ सुरेश रैना ने भी अपने संन्यास का ऐलान कर दिया।
सुरेश राणा की उम्र उस समय 33 साल की थी, हालांकि भारतीय टीम से वह पहले काफी लंबे समय से बाहर चल रहे थे। लेकिन वह धोनी के साथ उस समय चेन्नई सुपर किंग्स टीम का एक अहम हिस्सा भी थे। रैना ने अपना आखिरी अंतरराष्ट्रीय मुकाबला साल 2018 में ऑस्ट्रेलिया सीरीज के दौरान इंग्लैंड के दौरे पर खेला था।
अब सुरेश रैना ने धोनी के ठीक देर बाद अपने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने के फैसले का कारण भी बताया। रैना ने स्पोर्ट्स तक बात करते हुए कहा कि हमने साथ में काफी क्रिकेट खेला है। मैं खुद को इस मामले में सौभाग्यशाली हूं कि मुझे धोनी के साथ भारत और चेन्नई सुपर किंग्स में एक साथ खेलने का मौका मिला।
रैना ने आगे कहा कि मैं गाजियाबाद से आता हूं और धोनी रांची से. मैं पहले धोनी के लिए खेलता हूं और उसके बाद देश के लिए। पिछले एक साथ कई अहम फाइनल होते हैं जिनमें वर्ल्ड कप से लेकर स्कोडी तक शामिल है। वह एक शानदार नेता होने के साथ एक अच्छे इंसान भी हैं।
भारत के लिए तीनों अंतर्राष्ट्रीय शतक लगाने वाले पहले बने थे रैना
सुरेश रैना के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट पर नजर डालें तो वह शानदार बल्लेबाज होने के साथ एक बेहतरीन फील्डर भी थे। इसके अलावा वह पहले ऐसे भारतीय खिलाड़ी भी बने जिनके नाम पर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के तिकड़ी प्रारूप में शतक लगाने का कारनामा दर्ज हुआ था। रैना ने साल 2021 में अपना आखिरी शतक सीजन खेला था।
इसके बाद साल 2022 के सीवी सीजन की नीलामी के लिए उन्होंने अपना नाम दिया था। लेकिन जब किसी भी टीम ने उन्हें नहीं पिया तो उसके बाद रैना ने साइकलिंग से भी अपने संन्यास का ऐलान कर दिया। रैना के नाम पर 5 शतक के अलावा टेस्ट और टी20 में 1-1 शतक दर्ज है।
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