भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया पहला टेस्ट: भारत और ऑस्ट्रेलिया (IND vs AUS) के बीच टेस्ट क्रिकेट इतिहास की पहली प्रतियोगिता 75 साल पहले खेली गई थी। 15 अगस्त 1947 को आजादी के ठीक तीन महीने बाद भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर थी। यहां भारतीय टीम 5 मैचों की टेस्ट सीरीज खेल रही थी। सीरीज की पहली प्रतियोगिता ब्रिस्बेन में हुई थी। यह पहला मौका था जब भारतीय टीम इंग्लैंड के अलावा किसी अन्य देश के खिलाफ टेस्ट मैच खेल रही थी।
28 नवंबर से ब्रिस्बेन क्रिकेट ग्राउंड इस जापान में शुरू हुआ जहां भारतीय टीम की कमान लाला अमरनाथ के हाथों में थी, वहीं ऑस्ट्रेलिया के कप्तान लीजेंड बल्लेबाज डोनाल्ड ब्रैडमैन कर रहे थे। यहां ब्रैडमैन ने टॉस जीतकर पहली बल्लेबाजी की थी। ऑस्ट्रेलिया ने यहां अपने कप्तान बैडमैन के 185 रन की पारी की लगातार पहली पारी में 8 विकेट खोकर 382 रन बनाकर पारी की घोषणा की थी। ब्रैडमैन के अलावा कीथ मिलर (58), लिंडसे हैसेट (48) और ऑथर मॉरिस (47) की भी अच्छी रैंकिंग है। वहीं, भारत की ओर से लाला अमरनाथ ने 4 और वीनू मांकड़ ने 3 विकेट चटकाए थे। चंदू सरवटे को भी एक विकेट मिला था।
भारतीय बल्लेबाजों ने पहली बार ऑस्ट्रेलिया में की बल्लेबाजी की
ऑस्ट्रलिया की बल्लेबाजी के बाद जब भारतीय पारी शुरू हुई तो सबसे पहले गेंद पर वीनू मांकड़ निकले। शुरुआत ही इस कदर खराब रही कि गुल मोहम्मद (0) भी कारण बने। जीरो पर भारतीय टीम अपनी दो विकेट गंवा चुकी थी। इसके बाद भारतीय बल्लेबाजों ने जैसे-तैसे इक्का-दुक्का रन किए हुए पारी आगे का बजट बनाया। चंदू सरवटे (12), विजय हजारे (10) और लाला अमरनाथ (22) के अलावा अन्य कोई बल्लेबाज दहाई का अंक नहीं छू सका। पूरी भारतीय टीम 58 पर ऑल आउट हो गई।
दूसरी पारी में भी 100 रन तक नहीं पहुंचे भारतीय टीम
यहां ऑस्ट्रेलिया ने भारतीय टीम को फॉलो करने का फैसला लिया। दूसरी पारी में भी भारतीय टीम की हालत खराब ही हो रही है। स्ट्राइकर चंदू सरवटे एक अंत पर टिके रहे और दूसरे अंत से विकेट बने रहे। पूरी भारतीय टीम 98 रन पर ऑल आउट हो गई। सरवटे ने 26 रन बनाकर 9वें विकेट के रूप में पवेलियन लौटाया। इस तरह भारतीय टीम को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपने पहले टेस्ट मैच में पारी और 226 रन से हार का सामना करना पड़ा था। अगले चार टेस्ट मैचों में भी भारत को तीन बार हार का सामना करना पड़ा। इस तरह भारत ने यह सीरीज 0-4 से गूई.
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