उत्तर कोरिया सैन्य परेड: दुनिया के सबसे रहस्मय देशों में जाने वाले उत्तर कोरिया (उत्तर कोरिया) ने अपनी सेना की स्थापना की 75वीं वर्षगांठ मनाई। इस इलाके पर कोरियाई सेना ने रात के समय अपनी घातक देरी की परेड फायर की। कोरियाई सेना की इस परेड में उनकी सबसे बड़ी मिसाइल (उत्तर कोरिया मिसाइल) दिखाई गई।
राजधानी प्योंगयांग में उत्तर कोरिया की सेना की स्थापना की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर तानाशाह किम जोंग की ओर से कहीं अधिक अंतरमहाद्वी बैलिस्टिक मिसाइलों (आईसीबीएम) का प्रदर्शन किया गया। कोरियाई सैन्य अधिकारियों ने कहा कि उनके पास नए ठोस-ईधन वाले विनाशकारी हथियार हैं, जो परमाणु-सशस्त्र उत्तर कोरिया को दुनिया में कहीं भी हमला करने में सक्षम हैं।
1 बड़ी संख्या में ICBM दिखाई दी
कोरियाई न्यूज एजेंसी केसीएनए की रिपोर्ट में कहा गया है कि विशेष क्षेत्र पर देश की 1 ज्यादा इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) दिखाई गई है। बता दें कि उत्तर कोरियाई सेना की परेड प्योंगयांग के किम इल सुंग स्क्वायर से शुरू हुई। आईसीबीएम (आईसीबीएम) के जरिए सेना ने अपनी “सर्वश्रेष्ठ” परमाणु हमला करने की क्षमता दिखाई, जिसके बारे में वहां के मीडिया ने कहा कि परेड में उत्तर कोरिया की सामरिक न्यूक्लियर इकाइयां भी शामिल थीं।
सबसे बड़ी कोरियाई मिसाइल ह्वासोंग-17
उत्तर कोरिया की सरकारी मीडिया द्वारा जारी तस्वीरों में उत्तर कोरिया के सबसे बड़े ICBM 11 Hwasong-17s (Hwasong-17) को दिखाया गया है, जिसके बारे में कहा जा रहा है कि वे परमाणु वारहेड के साथ दुनिया में कहीं भी हमला कर सकते हैं हैं। ह्वासोंग-17 का पिछले साल पहली बार परीक्षण किया गया था।

उत्तर कोरिया यूनाइटेड नेशन्स एक्चिमेटेड काउंसिल (यूएनएससी) लगातार बड़ी और उन्नत मिसाइलों का परीक्षण कर रहा है।
अमेरिकी रक्षा एक्सपर्ट-चिंतनशील
उत्तर कोरिया की सबसे बड़ी मिसाइल परेड पर अमेरिकी डिफेंस एक्सपार्ट्स की नजर थी। अमेरिका स्थित कार्नेगी एंडोर्समेंट फॉर इंटरनेशनल पीस के अंकित पंडित ने कोरिया की ICBM 11 Hwasong-17s के प्रदर्शन पर हैरानी है। अंकित ने ट्विटर पर कहा, “उत्तर कोरियाई परेड में इस बार कुछ ऐसे आईबीएम लॉन्चर देखे गए हैं, जिन्हें हमने पहले कभी नहीं देखा।”
उन्होंने कहा कि अगर इस तरह से कई वारहेड कम हैं, तो यह संख्या मौजूदा अमेरिकी मिसाइल रक्षा प्राप्त करने के लिए पर्याप्त हो सकती है।
दक्षिण कोरिया की भी नजर थी
सियोल में इवा विश्वविद्यालय के प्रोफेसर लीफ-एरिक इस्ले ने कहा, “इस बार, किम जोंग उन ने उत्तर कोरिया की बढ़ती स्थिति और लंबी दूरी की मिसाइलों को दिखाया है। इसके माध्यम से प्योंगयांग अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यह संदेश देना चाहते हैं कि वे निकट प्रत्यक्ष हों घातक जोखिम को खतरे में डालने वाली मिसाइलें हैं।
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