बीजेपी के साथ मुस्लिम महिला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2024 के लिए अकाउंट को नया मैसेज दिया है। जनवरी में आयोजित राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में पीएम मोदी ने नामांकन के लिए पसमांदा मुस्लिमों तक पहुंचने का संदेश दिया। ये पहली बार नहीं है जब पीएम मोदी मुस्लिम तक पहुंचने की बात की है। इससे पहले पीएम मोदी तलाक कानून के जरिए मुस्लिम आबादी को साधने की कोशिश कर रहे हैं। बीजेपी को मिला क्या फायदा, आइए जानते हैं।
साल 2019 में मोदी सरकार ने संसद में एक बिल पास कर इस्लाम में मुस्लिम पुरुषों को तीन तलाक के अधिकार को अवैध घोषित कर दिया था। 1 अगस्त, 2019 को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बिल पर हस्ताक्षर करने के साथ ही यह कानून बन गया। इसके पहले 25 जुलाई और 30 जुलाई को राज्यसभा से यह बिल पास हुआ था।
बीजेपी ने प्रचार किया था
बिल पास होने के बाद बीजेपी ने इसका खूब प्रचार किया और इसे मुस्लिमों को महिलाओं को बचाने वाला बताया था। चुनावी रैलियों में पीएम मोदी ने मुस्लिम महिलाओं को संदेश भेजकर तीन तलाक खत्म होने के मामले में जंप किए थे।
पीएम मोदी सहित पूरे बीजेपी के जोर-शोर से प्रचार के बावजूद आंकड़े दावा कर रहे हैं कि मुस्लिम महिलाओं के वीडियो की कोशिश का ज्यादा असर नहीं हुआ है, इससे ज्यादा उम्मीद की जा सकती थी। इंडिया टीवी और मैट्रिज का सर्वे इसकी गवाही देता है।
मुस्लिम महिलाओं पर नहीं चला मोदी मैजिक
मैट्रिज के साथ मिलकर किए गए इस सर्वे को 2022 में जारी किया गया था। इसमें सवाल किया गया था कि क्या तीन तलाक कानून लागू होने के बाद मुस्लिम महिलाओं ने पीएम मोदी के लिए वोट किया। सर्वे के कनेक्शन के मुताबिक सिर्फ 9 प्रतिशत मुस्लिम महिलाओं ने वोट किया। 72 प्रतिशत मुस्लिम महिलाएं भी पीएम मोदी को वोट नहीं दे रही हैं। वहीं, 19 प्रतिशत की स्थिति साफ नहीं है।
दिलचस्प बात यह है कि हिंदू महिलाओं का वोट काफी संख्या में मिल रहा है। कानून बनने के बाद 24 प्रतिशत हिंदू महिलाओं ने पीएम मोदी का समर्थन किया, जबकि 62 प्रतिशत ने जवाब दिया। 14 प्रतिशत ने कुछ भी नहीं कहा।
मैट्रिज के इस ओपिनियन पोल के लिए 11 से 24 जुलाई, 2022 के बीच आंकड़े इठठे गए थे। सर्वे में देश की 543 लोकसभा सीट से 136 लोकसभा सीट में रहने वाले करीब 34000 लोगों ने हिस्सा लिया था।
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