दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को सीबीआई ने रविवार को गिराकर लिया। सीबीआई दिल्ली की शराब नीति में कथित घोटाले की जांच कर रही है।
मनीष सिसोदिया के खिलाफ कई महीनों से जांच चल रही थी। रविवार को सीबीआई ने उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया था और शाम सात बजे खबर आई कि उन्हें गिरफ़्तार कर लिया गया है।
आम आदमी पार्टी ने सिसोदिया की गिरफ्तारी को ‘तानाशाही’ कहा है और रविवार को ‘लोकतंत्र के लिए काला दिन’ बताया है। पार्टी ने कहा कि बीजेपी ने ये गिरफ्तारी राजनीतिक द्वेष के चलते की है.
वहीं, बीजेपी ने सिसोदिया की गिरफ्तारी को सही ठहराया है।
इस बीच राजधानी दिल्ली में सुरक्षा के इंतज़ाम सुनिश्चित कर दिए गए हैं। सीबीआई मुख्यालय के लिए अतिशीघ्र कार्रवाई बल की स्थापना की गई है।
सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद सीबीआई ने बयान जारी कर कहा है कि दिल्ली की शराब नीति के अनुपालन में गड़बड़ी की जांच के दौरान सिसोदिया को गिरफ्तार किया गया है।
आप और बीजेपी आमने–सामने
उदर दिल्ली के शेयर और आम आदमी पार्टी के कमिशनर अरविंद केजरीवाल ने सिसोदिया को ‘बेकसूर’ बताया है। उन्होंने कहा कि लोगों में ‘बहुत गुस्सा है’ और वो सब देख रहे हैं।
उन्होंने लिखा, “मनीष बकसूर हैं। उनकी गिरफ़्तारी गंदी राजनीति है। मनीष की गिरफ़्तारी से लोगों में बहुत रोष है। लोग सब देख रहे हैं। लोगों को सब समझ आ रहा है। लोग इसका जवाब देंगे। इससे हमारे हौसले और बढ़ेंगे। हमारा संघर्ष और तीव्र होगा।”
आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने ट्विटर पर लिखा, “सिसोदिया की गिरफ़्तारी तानाशाही की इंताहा है। आप एक नेक इंसान और सर्वश्रेष्ठ शिक्षा मंत्री को गिरफ़्तार करके अच्छा नहीं किया मोदी जी, भगवान भी आपको माफ़ नहीं करेंगे। एक दिन आपकी तानाशाही का अंत ज़रूर होगा मोदी जी.”
वहीं भारतीय जनता पार्टी ने कहा है कि सिसोदिया को तो गिरता हुआ ही था, अगला नंबर अरविंद केजरीवाल का है।
बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने ट्वीट कर कहा, “मैं शुरू से कह रहा हूं केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन जेल जाएंगे, इनमें से दो लोग जेल जा चुके हैं, अगला नंबर रोहित का है।”
आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता राघव चड्ढा ने एक ट्वीट में कहा है, “जेल के समान टूटेंगे मनीष सिसोदिया छूट देंगे।”
क्या कहा सीबीआई ने?
सीबीआई ने अपने बयान में कहा है कि वर्ष 2021-22 के लिए तैयार की गई आबकारी नीति में गड़बड़ी के मामले में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और 14 अन्य लोगों के खिलाफ मुथाकदमा दर्ज किया गया।
उसके अनुसार इस मामले में मुंबई स्थित एक कंपनी के सीईओ जिसमें 6 लोगों के खिलाफ 25 दिसंबर 2022 को चार्ट साइज दर्ज किया गया था और इस मामले में अभी आगे की जांच चल रही है।
सीबीआई ने अपने बयानों में कहा है कि सिसोदिया को 19 रेटिंग 2023 को जांच में शामिल होने के लिए नोटिस दिया गया था।
जांच एजेंसी ने अपने बयानों में कहा है कि मनीष सिसोदिया ने अपनी व्यवस्तता का हवाला देते हुए एक सप्ताह का समय लिया था। उनकी इस मांग को स्वीकार करते हुए 26 रेटिंग में शामिल होने का नोटिस दिया गया।
सीबीआई ने कहा है कि रविवार को पूछताछ के दौरान जो सवाल सिसोदिया से पूछे गए उन्होंने उनका जवाब नहीं दिया।
उसका कहना है कि जांच के दौरान ऐसे सबूत जुटाए गए थे जिससे उसकी संलिप्तता साबित होती है। इसी से जुड़े सवालों के जवाब सिसोदिया नहीं दे सके.
सिसोदिया ने सबसे पहले ही झूठा होने की आशंका जताई थी
रविवार को पूछताछ के लिए बैंक ऑफिस का काम करते हुए मनीष सिसोदिया ने कहा था कि आज उन्हें गिराया जा सकता है।
पूछताछ के लिए जाने से पहले उन्होंने अपनी मां का आशीर्वाद लिया था और महात्मा गांधी के समाधि स्थल राजघाट भी गए थे।
अक्टूबर में भी सिसोदिया से सीबीआई ने करीब नौ घंटे तक पूछताछ की थी। सीबीआई सिसोदिया के खिलाफ आरोपी घोटाले की जांच कर रहा है।
क्या है यह मामला?
सीबीआई ने पिछले साल 19 अगस्त को मनीष सिसोदिया और 14 अन्य लोगों के खिलाफ दर्ज कराया था। इनमें से सभी एक्ससाइज़ कमिश्नर सहित तीन अफ़सर, दो कंपनियाँ और नौ कर्मचारी शामिल थे।
सीबीआई की जांच की बुनियाद वो नकलची इस एजेंसी ने दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार की रिपोर्ट के आधार पर दर्ज की।
जांच एजेंसी का आरोप है कि नई शराब नीति लागू होने के बाद सरकारी ख़ज़ाने को नुक़सान हुआ। इसी साथ इस मामले के अभियुक्तों ने लाइसेंसधारी शराब लेबल को अनावश्यक लाभ देने के इरादे से नई शराब नीति में मन के अनुसार बदलाव किया।
एफ इर में बताया गया कि सिसोदिया के क़रीबी सहयोगी बड्डी प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक अमित अरोड़ा, दिनेश अरोड़ा और अर्जुन पांडे, लाइसेंस धारकों से पैसे लेकर अभियुक्तों और सरकारी कर्मचारियों तक पहुंचाते थे।
नई शराब नीति में घोटाले का पता कैसे चला?
8 जुलाई, 2022 को दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार ने उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना, आर्थिक अपराध शाखा, दिल्ली के शर्मा अरविंद और मनीष सिसोदिया को एक रिपोर्ट दी थी।
ये रिपोर्ट समुदाय में नहीं है, लेकिन भारतीय एक्सप्रेस, न्यूज़लंड्री जैसे तमाम मीडिया ऑडिटर ने विश्वस्त फ्रेमवर्क के बारे में बताया है कि इसमें एक्साइज डिपार्टमेंट के चार्ज होने के संबंध में सिसोदिया पर उपराज्यपाल की मंज़ूरी के बिना नई आबकारी पॉलिसी के प्रमाण फ़र्ज़ी तरीके से रेवेन्यू देने के आरोप लगाए गए हैं।
मुख्य सचिव की रिपोर्ट में क्या था?
प्राधिकरण का लाइसेंस ठीक है में 144.36 करोड़ की छूट दी गई है
रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना के समय शराब का दावा करने वालों ने लाइसेंस शुल्क माफ़ी के लिए दिल्ली सरकार से संपर्क किया। सरकार ने 28 दिसंबर से 27 जनवरी तक लाइसेंस शुल्क में 24.02 प्रतिशत की छूट दी।
“इससे लाइसेंसधारी को अनावश्यक लाभ पहुंचेगा, जबकि सरकारी ख़ज़ाने को लगभग 144.36 करोड़ रुपये का नुक़सान हुआ”।
जबकि अधिकारियों के अनुसार, लागू हो सीमा नीति में किसी भी बदलाव से पूर्व आबकारी विभाग को पहले कैबिनेट और फिर उप-राज्यपाल के पास अनुमति के लिए बंध जाता है। कैबिनेट और उप-राज्यपाल की अनुमति के बिना कोई भी बदलाव गैर-क़ानूनी कहलाएगा।
लाइसेंस धारकों को अनावश्यक संदेशना
मनीष सिसोदिया पर शराब की हरकतों में बदलाव करने और प्रति बीयर 50 रुपये का आयात शुल्क हटाकर लाइसेंस धारकों को अनावश्यक फ़ायदा पहुंचाने का आरोप लगाया गया था।
एक्साइज़ विभाग ने कंपनी को 30 करोड़ वापस कर दिया
पुदुच्चेरी की होल्डिंग इंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड ने एयरपोर्ट जोन में खोली गई 10 शराब दुकानों के लाइसेंस अधिकार प्राप्त थे, लेकिन कंपनी एयरपोर्ट अधिकारियों से अनापत्ति प्रमाण पत्र हासिल करने में पात्रता नहीं कर रही थी। सरकार ने लाइसेंस की बोली के लिए जमा किए गए 30 करोड़ रुपए कंपनी को वापस कर दिए।
रिपोर्ट में कहा गया है कि ये दिल्ली आबकारी नियम, 2010 का उल्लंघन है। यदि कोई लाइसेंस लाइसेंस के लिए अधिकृतता पूरी तरह से नहीं मिलती है तो उसकी राशि जाब्त हो जाती है।
सिसोदिया पर कमीशन लेने के आरोप लगे, कहा गया कि पंजाब विधानसभा चुनाव में इन्हीं का इस्तेमाल कर चुनाव हुआ।
रिपोर्ट मिलने के 15 दिनों के भीतर ही उपराज्यपाल ने सीबीआई जांच की सिफ़ारिश करते हुए गृह मंत्रालय को पत्र लिखा।
शिकायत से इस पूरे मामले में जांच दस्तावेजों की प्रविष्टि हुई और मामले ने राजनीतिक रंग लेना शुरू कर दिया।
चौतरफ़ा हमलों के बीच 30 जुलाई, 2022 को सिसोदिया ने नई आबकारी नीति को वापस लेने की घोषणा की।
आप सरकार को नई आबकारी नीति की नींव क्यों पड़ी?
साल 2020 में दिल्ली सरकार ने शराब माफ़ियाओं पर नकेल कसने और राजस्व बढ़ाने के उद्देश्य से नई शराब नीति प्रस्तावित की।
– नई आबकारी नीति के तहत दिल्ली को 32 ज़ोन में संपर्क किया गया। इनमें 30 एमसीडी, 1 एनडीएमसी और कैंटोनमेंट जोन, 1 दिल्ली एयरपोर्ट का जोन था। ज़ोन के होश से शराब की सेंटीमेंट निर्धारित किए गए थे।
-एमसीडी के प्रति क्षेत्र में जहां 27 शराब की छूट खुलनी थीं, वहीं एनडीएमसी और कैंटोनमेंट क्षेत्र में 29 और दिल्ली एयरपोर्ट क्षेत्र में 10.
– शराब पीने की उम्र 25 से घटाकर 21 कर दी गई।
– शराब के कारोबार से दिल्ली सरकार ने फतह को अलग करते हुए सभी निजी हाथों में कब्जा कर लिया।
– एल1 (भारतीय शराब की ठीक बिक्री के लिए मिलने वाला लाइसेंस) की फीस 5 करोड़, एल7 (निजी क्षेत्र में भारतीय शराब की प्यासा बिक्री के लिए मिलने वाला लाइसेंस) की फीस 11.18 करोड़ रखी गई।
– अनिवार्य एमआरपी के बजाय शराब के रेट पर फतह करने की आजादी दी गई।
– शराब की कोई भी नई दुकान नहीं खुलेगी। रेटिंग के बार, क्लब और रेस्तरां को रात तीन बजे तक खुलासे की छूट दी गई है।
नई नीति के कई प्रावधान तो लागू होना बाकी थे कि इसके पहले मुख्य सचिव ने अभी अपनी रिपोर्ट दी और दिल्ली शराब नीति ही प्रश्नों के प्रश्नों में आ गई।
टाइमलाइन के ज़राए समझिए कब-कब क्या हुआ?
04 सितंबर, 2020 – नई शराब नीति से जुड़े सुझावों के लिए सिसोदिया ने आबकारी आयुक्त पर्यवेक्षक रेटिंग की अध्यक्षता में एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया।
13 अक्टूबर, 2020 – विशेषज्ञ समिति ने अपनी रिपोर्ट दिल्ली सरकार के अधिदेशी। रिपोर्ट को सार्वजनिक डोमेन में रखा गया। सरकार ने दावा किया कि 14 हजार 761 लोगों ने अपनी सलाह सरकार को भेजी है।
05 रेफ्रिजरेशन2021 – भरी शराब नीति के सभी शैटर, विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट, निगाह और आम लोगों की राय के गहरे अध्ययन के लिए दिल्ली सरकार ने उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, शहरी विकास मंत्री सत्येंद्र जैन और राजस्व मंत्री कैलाश गहलोत की अध्यक्षता में मंत्रियों के एक समूह का गठन किया .
22 मार्च, 2021 -सिसोदिया की अध्यक्षता वाले इस ग्रुप ने स्टेट कैबिनेट को अपने सिफ़ारिशें का अगुआई किया। नई आबकारी नीति को मंज़ूरी दी गई।
15 अप्रैल, 2021 – अस्पष्ट उपराज्यपाल अनिल जाजल को भेजा गया। वे कुछ सुझाव देते हुए सरकार को नीति की फिर से जांच करने और उचित संशोधन करने की सलाह देते हैं।
17 नवंबर, 2021 – दिल्ली सरकार ने सुझावों का मानते हुए नई आबकारी नीति लागू कर दी।
8 जुलाई, 2022 – दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार ने उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना, अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया को एक रिपोर्ट सौंपी, जिसमें सिसोदिया पर “कमीशन” और ”रिश्वत” के बदले शराब डीलर लाइसेंस धारकों को अनावश्यक लाभ देने का आरोप लगाया गया। मुख्य सचिव ने आर्थिक अपराध शाखा को भी रिपोर्ट दी।
22 जुलाई, 2022 – उपराज्यपाल ने सीबीआई जांच की अनुशंसा करते हुए गृह मंत्रालय को पत्र लिखा।
30 जुलाई, 2022 – नई आबकारी नीति को वापस लेने की घोषणा। अगले छह महीने के लिए पुरानी शराब नीति को फिर से लागू किया जाएगा।
6 अगस्त, 2022 – नई आबकारी नीति को लागू करने में पूर्व आबकारी आयुक्त आरव गोपी कृष्ण दिल्ली के आबकारी विभाग के 11 एक्साइज अधिकारियों को उपराज्यपाल विनय सक्सेना ने पूर्व आबकारी आयुक्त आरव गोपी कृष्ण को लगाया।
17 अगस्त, 2022 – सीबी ने सिसोदिया और 14 अन्य लोगों के खिलाफ एफ.आई.आर. दर्ज किया। इनमें से कई एक्साइज कमिश्नर सहित तीन अफ़सर भी शामिल थे। इन पर क्रिमिनल साज़िश रचने और धोखाधड़ी के आरोप लगाए गए हैं।
19 अगस्त, 2022 – सिसोदिया के घर पर सीबीआइ की निगाहें. सात राज्यों के कुल 21 ठिकानों पर ध्यान दिया गया।
23 अगस्त, 2022 – समाचार एजेंसी PITI ने अपने आधिकारिक फॉर्मूले के बारे में बताया कि दिल्ली की आबकारी नीति में ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया।
28 सितंबर, 2022 – इंडो सिपहसालार के डायरेक्टर समीर स्कूकू, और आम आदमी पार्टी के जिम्मेदार विजय नायर को ईडी ने गिरफ्तार किया।
8 अक्टूबर, 2022 – ईडी ने दिल्ली, सिकंदराबाद और पंजाब सहित 35 ठिकानों पर समझौते की।
10 अक्टूबर, 2022 – सीबीआई ने शराब व्यवसायी अभिषेक बोइनपल्ली को गिरफ़्तार किया।
26 राशी, 2023–सीबीआई ने पूछताछ के बाद मनीष सिसोदिया को हटा दिया।