भारत चीन संबंध पर अमेरिकी रिपोर्ट: भारत और चीन के रिश्तों को लेकर हमेशा चर्चा रहती है। इसकी लेकर अमेरिका की एक खुफिया रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें दावा किया गया है कि आने वाले समय में भी दोनों देशों के रिश्ते आपस में जुड़े हुए हैं। हालांकि इस रिपोर्ट में अमेरिका ने चीन को अपना रिश्तेदार बताया है।
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी संसद में एनुअल थ्रेट एसेसमेंट यानी बाहरी लोगों का विजुअलाइजेशन करने वाली रिपोर्ट पेश की गई है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन और भारत बातचीत के जरिए सीमा पर जारी विवाद को कम करने की कोशिश कर रहे हैं। इसके बावजूद दोनों देशों के बीच संबंध में तनाव बना रहेगा। इस रिपोर्ट में अमेरिका के खुफिया तंत्र ने अमेरिका के लिए सनसनी फैला दी है। पहला, अमेरिका और उसके साथियों के बीच रणनीतिक बातचीत और दूसरा रूस-चीन।
भारत-चीन संबंधों पर रिपोर्ट में क्या?
रिपोर्ट में कहा गया है, “विवादित सीमा पर भारत और चीन दोनों देशों की सेना के विस्तार के बाद दो परमाणु शक्तियों के बीच सशस्त्र संघर्ष के जोखिम को जिम्मेदार ठहराया गया है। इससे अमेरिका के लोग और उसके छाया को सीधा खतरा हो सकता है। इसमें अमेरिका के हस्तक्षेप की मांग की जाती है। पिछले गतिरोधों से स्पष्ट है कि एलएसी पर लगातार निम्न स्तर के संघर्ष तेजी से बढ़ सकते हैं।” फरवरी की शुरुआत में रिपोर्ट तैयार की गई थी और बुधवार को जारी की गई।
पाकिस्तान को लेकर भी किया खुलासा
संसद में पेश की गई राष्ट्रीय खुफिया विभाग की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत विरोधी उग्रवादी समूह और आतंकवादी संगठन का समर्थन करने का पाकिस्तान का लंबा इतिहास रहा है। पाकिस्तान की ओर से कथित या वास्तविक उकसावे का जवाब अब भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पहले से कहीं अधिक सैन्य बल के माध्यम से जाने की आशंका है।
अमेरिकी खुफिया तंत्र ने बुधवार (8 मार्च) को सांसद से कहा कि उन्हें भारत-पाकिस्तान और भारत-चीन के बीच तनाव बढ़ने और उनके बीच संघर्ष होने की आशंका है। यह रिपोर्ट अमेरिकी खुफिया तंत्र के वार्षिक खतरों का पता लगाती है, जिसे राष्ट्रीय खुफिया निदेशक के कार्यालय ने अमेरिकी कांग्रेस के सामने पेश किया है।
रिपोर्ट के अनुसार, भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव विशेष रूप से चिंता का विषय बढ़ रहा है। हालांकि, दोनों देश 2021 की शुरुआत में नियंत्रण रेखा पर दोनों तरफ से फिर से युद्ध विराम पर राजी होने के बाद से अपने संबंधों को मजबूत करने के लिए जिम्मेदार हैं।