कौन हैं वेद प्रताप वैदिक: 78 साल की उम्र में वेद प्रताप वैदिक (वेद प्रताप वैदिक) ने दुनिया को अलविदा कह दिया। वेद प्रताप प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया के हिंदी न्यूज प्रकाशन लैंग्वेज के संस्थापक और जाने-माने कॉलमिस्ट होने के साथ-साथ पॉलिटिकल एनलिस्ट भी थे। उनके पास मॉस्को के इंस्टीट्यूट ऑफ पीपल ऑफ एशिया और लंदन के स्कूल ऑफ ओरियंटल एंड अफ्रीकन स्टडीज की डिग्री भी थी। वह लंदन, मॉस्को सहित 50 से अधिक देशों की यात्रा कर चुके थे।
वेद प्रताप ने कोलंबिया विश्वविद्यालय (सीओलम्बिया विश्वविद्यालय) में लिपटा था जहां उन्होंने अफगान अंतरराष्ट्रीय मामलों के अध्ययन और जांच की। वैदिक भारतीय भाषा सम्मेलन और भारतीय विदेश नीति परिषद के अध्यक्ष थे। इससे पहले वह टाइम्स ग्रुप के नवभारत टाइम्स में संपादक भी रहे। उन्होंने कई सटीक विनिंग सर्च पब्लिश किए थे। इसमें हिंदी पत्रकारिता, इंडियन फॉरेन पॉलिसी, हिंदी का संपूर्ण समाचार पत्र कैसा हो इस तरह की पुस्तकें शामिल थीं।
इन स्नैपशॉट से नवाजा गया था
वेद प्रताप वैदिक को कई फोटोग्राफरों से सम्मानित किया गया है। 1976 में गोविंद वल्लभ पंत पुरस्कार, 1988 में पुरुषोत्तम दास टंडन पुरस्कार, अवधि के लिए 1990 में हिंदी अकादमी दिल्ली पुरस्कार, इसी साल फिर से राम मनोहर लोहिया पुरस्कार, 1992 में रामधारी सिंह दिवसकर पुरस्कार, साल इसी लाला लाजपत राय पुरस्कार, 2003 में विश्व हिंदी सम्मेलन सम्मान सूरीनाम और पिछले ही वर्षों के न्यूज़मेकर्स अचीवर्स अवार्ड से सम्मानित किया गया।
हाफिज सईद का साक्षात्कार
वरिष्ठ पत्रकार ने मुंबई में मास्टरमाइंड पर हमला किया और सहयोगी हाफिज सईद से भी बातचीत की। उनका यह साक्षात्कार काफी चर्चा में था। इसे लेकर वैदिक पर देशद्रोह का मुकदमा चलाकर उनकी गिरफ्तारी की मांग की मांग भी उठी थी। इस पर उन्होंने कड़ी प्रतिक्रया देते हुए कहा था कि ‘मुझे फांसी पर चढ़ा दें। मैं ऐसी संसद पर ठिकाना हूं’।
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