प्रॉपर्टी की उम्र कैसे चेक करें: घर खरीदना हर किसी का ख्वाब होता है। इंसान दिन-रात जी तोड़ मेहनत करता है, सालों तक पाई-पाई क्वाड है, तब किसी भी व्यक्ति से अपना पैसा भरता है। हालांकि घर खरीदने में लोगों को अक्सर एक भ्रम से जूझना पड़ता है कि नया घर रिश्तेदार या पुराना। दोनों के फायदे भी हैं और साथ ही साथ आपको नुकसान भी…
रियल एस्टेट के विवरण स्टेटमेंट हैं कि कई मौकों पर पुराने घर की खरीददारी का सौदा हो जाता है। हालांकि इस बात की जानकारी की हिदायत जरूरी है कि पुरानी संपत्ति की पुरानी संपत्ति की उम्र निश्चित रूप से चेक कर लें… तो आगे बढ़ने से पहले सबसे पहले हम यही जानते हैं कि अचल संपत्ति की उम्र क्या है और यह कैसे पता करती हैं। ..
संपत्ति आयु क्या होती है
प्रॉपर्टी एज यानी संपत्ति की उम्र से मतलब है कि घर कितना पुराना है और अब उसकी लाइफ कितनी बची है। आम तौर पर किसी कंक्रीट स्ट्रक्चर की औसत उम्र 75 से 100 साल तय की जाती है। यह कई कारणों पर निर्भर करता है। सामान्य तौर पर अपार्टमेंट की लाइफ 50-60 साल होती है, जबकि जमीन पर बने मकान की उम्र ज्यादा होती है। अपार्टमेंट में कॉमन यूज की कई चीजें होती हैं, इस वजह से ऐसी बिल्डिंग का ज्यादा इस्तेमाल होता है।
स्ट्रक्चरल इंजीनियर की मदद लें
मकान या फ्लैट का जीवनकाल निर्माण की गुणवत्ता पर स्थायी रूप से निर्भर करता है। अगर मैटेरियल की क्वॉलिटी अच्छी होती है तो 40-50 साल तक कोई परेशानी नहीं होती है। घर कितना पुराना है और कितना बचा हुआ है, यह पता लगाने में स्ट्रक्चरल इंजीनियर आपकी मदद कर सकते हैं। वह निर्माण के लेखाजोखा के आधार पर जांच करता है कि किस प्रकार की सामग्री का उपयोग किया गया है, मकान की मात्रा कितनी अजीब है, इसका अवलोकन शेष है। अपार्टमेंट के मामले में बिल्डिंग प्लान से पता चल सकता है कि निर्माण कब शुरू हुआ था।
इस कारण कीमत कम होती है
पुराने घरों के मामले में एक और फायदे की बात तो बनती ही है। हालांकि इनके दिखने का एक कारण उम्र भी है। कोई भी संपत्ति जैसी-जैसी पुरानी होती है, उसकी कीमत भी घटती जाती है। जाहिर-सी बात है, नए मकान के तौर पर ठीक उसी तरह से पुराने घर की लागत कम होगी। मकान पुराना होने पर उसका स्ट्रेंथ यानी बिल्कुल कम होता है। पुराने घर या फ्लैट खरीदने से पहले स्ट्रक्चरल इंजीनियर से घर की रकम जरूर चेक करवाएं। पुराने अपार्टमेंट की तुलना में नए बनने वाले अपार्टमेंट में रहने की जगह ज्यादा मिलती है और रिडेवलपमेंट में भी पैसा खर्च नहीं होता है।
लोन देने से पहले बैंक करते हैं परख
संपत्ति कितनी पुरानी है, उनका मानना है कि कैसा मैटेरियल इस्तेमाल किया गया है, संपत्ति का मूल्यांकन इन तमाम चीजों पर ध्यान रखा जाता है। बैंक भी लोन टाइम देते हैं चेक कर लेते हैं जिन प्रॉपर्टी के लिए लोन दे रहे हैं, उनमें दम है या नहीं। अगर घर ज्यादा पुराना है तो बैंक लोन लेने का मोटिवेशन है। अगर आप तोड़कर फिर से घर बनाने के लिए लोन ले रहे हैं तो आसानी से मिल जाएंगे। बैंक देखता है कि उसका पैसा सुरक्षित है या नहीं। मतलब कल को अगर उसे संपत्ति पर कब्जा लेना पड़ा तो उसकी कीमत उसकी होगी या नहीं।
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