भारतीय अर्थव्यवस्था विकास दर 2023: दुनिया में आर्थिक मंदी (Financial Crisis) के गाने मंडराते दिख रहे हैं जिसका असर ग्लोबल इकॉनमी (Global Economy) पर दिख रहा है। वहीं दूसरी ओर अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष) ने भारतीय उद्योग (भारतीय अर्थव्यवस्था) से काफी उम्मीद की है। आईएमएफ ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद (सकल घरेलू उत्पाद-जीडीपी) की दर बढ़ने की उम्मीद है। देश की रैंकिंग में 6.8 प्रतिशत की दर से बढ़ोतरी का अनुमान लगाया जा रहा है। साल 2023-24 में जीडीपी 6.1 प्रतिशत तक जाने की उम्मीद है।
परिमाण से वर्किंग भारतीय उद्योग
आईएमएफ के कार्यकारी बोर्ड ने 28 नवंबर 2022 को भारत के साथ ‘आर्टिकल IV कंसल्टेशन’ पूरा किया था। इसमें लिखा था कि भारतीय उद्योग की गहरी प्रक्रिया से संबंधित संकल्प से संकल्प लिया गया है। आर्टिकल IV कंसल्टेशन में कहा गया है कि 2021-22 में वास्तविक जीडीपी में 8.7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। इस करण कुल उत्पादन पूर्व महामारी के स्तर से ऊपर आ गया है। इस वित्तीय वर्ष में जीडीपी का विकास, श्रम बाजार में सुधार और निजी क्षेत्र में क्रेडिट में अचल से समर्थन मिला है।
आर्थिक बाधाओं को दूर कर रही सरकार
IMF का कहना है कि, भारत की मोदी सरकार (मोदी सरकार) नई आर्थिक बाधाओं को दूर करने के लिए प्रचार कर रही हैं। इसमें यूक्रेन में युद्ध के परिणाम और रूस से संबंधित प्रतिबंध और चीन और उद्योगीकरण में महत्वपूर्ण रूप से धीमी गति से वृद्धि शामिल है। आपराधिक नीति आवास को धीरे-धीरे वापस ले लिया गया है और 2022 में अब तक मुख्य नीति दर में 190 आधार बिंदुओं की वजह रखी गई है।
इसलिए जीडीपी बनी रहती है
आईएमएफ का कहना है कि भारत के विकास कार्य में सुधार होने की उम्मीद है। जीडीपी के 2022-23 में 6.8 प्रतिशत और 2023-24 में 6.1 प्रतिशत बढ़ रहा है। मुद्रा को 2022-2023 में 6.9 प्रतिशत पर दर्ज किया गया है और अगले साल केवल धीरे-धीरे कम होने की उम्मीद है।
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