सिम कार्ड धोखाधड़ी: अगर आप भी एक से ज्यादा सिम कार्ड इस्तेमाल करते हैं तो ये खबर ध्यान से पढ़ें। ऐसा हम इसलिए बोल रहे हैं क्योंकि दिल्ली में एक कर्मचारी को सिम में संबंध न मिलने की वजह से लाखों रुपये की चपत लग गई है। दरअसल, ऐसा देखा जाता है कि जो लोग एक से ज्यादा सिम कार्ड यूज करते हैं वे एक ही सिम में रिचार्ज करवाते हैं या लंबे समय तक दूसरे सिम में पैसा नहीं देते हैं। इसके चलते कई बार दूसरा सिम कार्ड बंद हो जाता है। आज हमारे सिम कार्ड हमारे सभी डिजिटल डॉक्यूमेंट और बैंक अकाउंट अकाउंट से जुड़े हुए हैं। अगर हम बैंक से लोन भी देते हैं तो OTP के माध्यम से हमें इसकी जानकारी मिलती है। लेकिन अगर आप सिम कार्ड को सक्रिय नहीं रखते हैं या इसमें रिचार्ज नहीं करते हैं तो फिर आपको कुछ भी पता नहीं चलता है। राजधानी दिल्ली में कुछ ऐसा ही हुआ है, जहां एक कर्मचारी को रिचार्ज न करवाना भारी पड़ गया। जानिए क्या है ये हैरान कर देने वाली घटना।
क्या है मामला?
दिल्ली के एक बिजनेसमैन के साथ लाखों रुपए की ठगी हुई है। दरअसल, ऐसा हुआ कि जिस बिजनेसमैन का सिम कार्ड लंबे समय से इस्तेमाल नहीं हो रहा था, वह अपने बैंक खाते से लिंक कर रहा था। बैंक अकाउंट अकाउंट से लिंक होने की वजह से फ्रॉड करने वाले ने अकाउंट अकाउंट का खाता साफ कर दिया और बिजनेसमैन को इस बारे में कानो-कान खबर भी नहीं हुई। दरअसल, ऐसा तब होता है जब हम किसी सिम कार्ड पर लंबे समय तक रिचार्ज नहीं करवाते तो 90 दिन बाद टेलीकॉम कंपनियों का नंबर दूसरे उपयोगकर्ता को दे देते हैं। व्यवसायी के साथ भी यही हुआ और उसका नंबर किसी दूसरे व्यक्ति को आवंटित हो गया। लेकिन ये बैंक में नंबर रजिस्टर्ड था जिसका फायदा फ्रॉड करने वाले ने उठाया था। अभी पुलिस मामले की जांच कर रही है और आशंका जा रही है कि जिस शख्स ने ठगी की है उसी को ये नंबर अलॉट किया है।
फ्रॉड कैसे हुआ?
समाचार रीलों
आजकल हम सभी के नंबर बैंक से लिंक्ड हैं और हम इसी के माध्यम से मोबाइल बैंकिंग का उपयोग करते हैं। भले ही नंबर बंद हो जाए लेकिन फिर भी हम बैंक पोज़ करते हैं क्योकि नंबर बैंक से लाल हो जाता है। ऐसा ही कुछ दिल्ली के बिजनेसमैन के साथ हुआ। बिजनेसमैन का नंबर भले ही बंद हो गया था, लेकिन ये बैंक अकाउंट अकाउंट से रंग गया था। इसी बात का फायदा उस शख्स ने उठाया जिसे ये नंबर अलॉट हुआ। क्योंकि नंबर बैंक से आरबीआई हुआ था इस वजह से उसने पेटी या अन्य यू हरकतों पर आसानी से बैंक डिटेल्स को फच कर लिया और पैसे का दावा करने के लिए। बैंक से नंबर अटैच होने की वजह से ओटीपी या अन्य मैसेज उसी पर आते हैं जिसका फायदा फ्रॉड करने वाले लोग ग्रसित होते हैं। इसलिए हमेशा अपनी संख्या को सक्रिय रखें यदि किसी कारण से नंबर बंद हो गया है तो इसे तुरंत बैंक या अन्य जगहों से हटा दें।
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