दिल्ली कंझावला मामला: दिल्ली पुलिस कंझावला मामले में स्थिति में आईपीसी की धारा 302 को जोड़ने के लिए कानूनी सलाह ले रही है। इसके लिए पुलिस प्रमुख की तिमाही में एक उच्च स्तरीय बैठक चल रही है। इसी बीच अंजलि सिंह की मां ने भी कहा कि जब तक लड़कों को फांसी नहीं होगी तब तक मैं निर्णय नहीं लूंगा।
पुलिस सूत्रों के अनुसार घटना वाली जगह से थोड़ी दूरी पर मिले दृश्य को रहने वाली आईपीसी की धारा 302 जोड़ सकती है। दरअसल घटना के थोड़ी दूर पर पुलिस को एक फुटेज मिला है, जिसमें साफ तौर पर दिख रहा है कि दो दशकों की कार से नीचे उतरकर नीचे देख रहा है, लेकिन कार में फंसी अंजली को नहीं बल्कि कार को 13 किलोमीटर दूर कुजते पर ले जाता है रहे हैं।
नेस्ट ने पी थी शराब
कंझावला मामले में लोगों के रक्त के नमूनों की रिपोर्ट फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (FSL) ने शुक्रवार (13 जनवरी) को सौंप दी। इस रिपोर्ट से खुलासा हुआ कि दुर्घटना के समय शराब के नशे में थे।
पुलिस वाले हुए क्यों?
दिल्ली पुलिस ने कंझावला केश में शुक्रवार (13 जनवरी) को ही अपने 11 जवानों को एसएमएस कर दिया। अधिकारियों ने बताया कि जिन बुलेटिन को सस्पेंड कर दिया गया है, वे घटना के समय रास्ते में पीसीआर और चौकियों में ड्यूटी पर थे। गृह मंत्रालय ने इस मामले में दिल्ली पुलिस को तीन पीसीआर वैन और दो चौकियों में ड्यूटी पर रोक लगाने के लिए सभी कर्मियों को निलंबित करने का निर्देश दिया था।
मामला क्या है?
अंजलि सिंह (20) की स्कूटी की एक कार ने टक्कर मार दी थी और कार में फंसकर अंजलि को टेंशन टेंशन से कंझावला तक लगभग 12 किलोमीटर तक घूमने पर घसीटते रहे। इस घटना में वृद्धाश्रम की मौत हो गई थी।
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