चैटजीपीटी क्या है? समय के साथ टेक्नोलॉजी एडवांस हो रही है और काम करने का तरीका बदल रहा है। अगर आप इंटरनेट से जुड़े हैं या डेली अपडेट इस पर चेक करते हैं तो आपने हाल ही में जी चैटपीटी (चैटजीपीटी) नाम का शब्द कहीं न कहीं जरूर पढ़ें या सुना होगा। एक आम व्यक्ति की तरह आपने भी इसे पढ़ कर अनदेखा कर दिया होगा या इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं जुटाई जाएगी क्योंकि ये अभी हमारे काम का नहीं है। लेकिन फिर भी आप चैट जीपीटी का महत्व नहीं समझ रहे हैं लेकिन आने वाले समय में ये एक बड़ा गेम चेंजर इंटरनेट की दुनिया में होगा। जी हां, चैट जीपीटी को टेक के क्षेत्र में राज करने वाले गूगल के लिए भी खतरा बताया जा रहा है। इसीलिए आज हम आपको सरल शब्दों में आपके ज्ञान को बढ़ाने और भविष्य के घुमाने से ये बताते हैं कि निश्चित चैट जीपीटी क्या है और ये कैसे काम करता है।
तो ये है चैट जीपीटी का मतलब
चैट जीपीटी का फुल फॉर्म (जनरेटिव प्री-ट्रेंड ट्रांसफॉर्मर) है। जनरेटिव का मतलब कुछ जनरेट करने वाला या बनाने वाला, ट्रेनेड का मतलब जो पहले से ट्रेन किया गया है। वहीं, ट्रांस्फ़ॉर्मर्स का मतलब ऐसा मशीन सीखने वाला मॉडल होता है जो दिए गए टेक्स्ट को आसानी से समझ लेता है। चैट गबटी एक चैटबॉट है जिसे ओपनएआई के द्वारा तैयार किया गया है। ओपन चार्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में खोज करने वाली एक कंपनी ने 2015 की शुरुआत में एलन मस्क और सैम अल्टमैन की शुरुआत की थी। चैट जीपीटी का चैट चैट आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आधारित है जो आपके किसी भी सवाल का जवाब आपको गूगल से बेहतर तरीके से समझा सकता है। Google से बेहतर हम इसलिए बोल रहे हैं क्योंकि ये आपको सर्च करने पर Google की तरह कई लिंक नहीं दिखाता है बल्कि फौरन सेकंड्स में नाम उत्तर आपके सामने रखता है।
उदाहरण से समझिए-
समाचार रीलों
अगर आप ओपन अक्षरों के इस चैट से पूछेंगे कि आने वाले 74 में गणतंत्र दिवस के लिए एक लेख लिख रहे हैं तो आपको ये कुछ ही सेकंड में एक लंबा चौड़ा लेख हिंदी या अंग्रेजी जैसे भी आप लिखेंगे। अगर आप यही बात गूगल पर सर्च करते हैं तो गूगल आपको न जाने कौन लिंक देता है और खुद आपको सर्च करने के लिए बताता है। जबकि यहां ये सब कटई नहीं है। चाटबॉट आपको उपनाम और सरल शब्दों में सीधा जवाब देता है।
कैसे काम करता है ChatGPT
चैट जीपीटी को डेवलपर ने इस तरह भेजा है कि जो भी डेटा सार्वजनिक रूप से उपलब्ध कराया गया है, वह इसके अंदर आ रहा है। ये एक मशीन सीखने पर आधारित चैटबॉट है जिसमें वो सभी डेटा संदिग्ध है जो इंटरनेट पर उपलब्ध है, बुक या इंसानों द्वारा लिखा गया है। फिलाहल इसमें 2021 तक का डेटा संदिग्ध है। इससे आगे का डेटा अभी सही नहीं है क्योंकि इस पर काम किया जा रहा है।