केंद्रीय बजट 2023: अगले साल यानी 2024 में आम चुनाव से पहले केंद्र की मोदी सरकार का ये आखिरी पूर्ण बजट है। वित्त मंत्री निर्मल के सामने देश की जनता की उम्मीदों का पहाड़ तो है ही, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसके सामने भी ये चुनौती है कि वो वित्त मंत्रालय का बजट 2023 के जरिए देश के नागरिकों को कितनी राहत दे सकते हैं।
बजट से पहली उम्मीद- अपेक्षाकृत कम इनकम टैक्स रेट
वित्त मंत्री निर्मल इस बार बजट में सैलरीड क्लास के लिए टैक्स भरेंगे और आयकर टैक्स की रकम घटाकर कम करेंगे। वर्ष 2016-17 से इनकम टैक्स की छत में कोई बदलाव नहीं किया गया है कुछ साल पहले छूट वाले नए टैक्स रिजीम को दत्तक के अलावा। सरकार से इस साल उम्मीद है कि नए टैक्स रिजिम में 30 प्रतिशत और 25 प्रतिशत वाले टैक्स आवंटन में कुछ छूट दी जाएगी।
के टैक्स सूचनाएं चाहते हैं कि सरकार 5 लाख रुपए की आयकर टैक्स मुक्त कर दे, जिससे आम टैक्सपेयर को कुछ राहत मिल सकती है। अभी 2.5 लाख रुपये की इनकम टैक्स फ्री है जो बढ़कर 5 लाख रुपये की मांग करने की जा रही है। इसके अलावा वरिष्ठ नागरिकों के लिए 7.5 लाख रुपये का इनकम टैक्स फ्री कर दें जो अभी 3 लाख रुपये है।
बजट से दूसरी उम्मीद- इक्विटी LTCG पर नॉन टैक्सबेल लिमिट
अगर आपको स्टॉक की ब्रिकी से लंबी अवधि में 1 लाख रुपये से ज्यादा का फायदा हुआ है तो आपको लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स देना होता है। ये श्रेणी वर्ष 2004 तक पूरी तरह से टैक्स से मुक्त थी क्योंकि इन पर एक ट्रांजेक्शन टैक्स (एसटीटी) लगता था। अब इस पर सहमत की ये उम्मीद है कि एसटीटी के पत्ते की उम्मीद है तो कम है पर स्टॉक की बिक्री पर स्मोकिंग वाले टैक्स की सीमा में आने वालों को 1 लाख रुपये की पहुंच 2 लाख रुपये की सीमा पर टैक्स देना पड़े।
बजट से तीसरा उम्मीद- रेलवे बजट के तहत 400 और वंदे भारत ट्रेन की मांगें
पिछले बजट में वित्त मंत्री निर्मल निगम ने 400 सेमी-हाई स्पीड नेक्स्ट जेनरेशन वंदे भारत ट्रेन को अगले 3 साल में लाने की योजना पेश की थी। इस साल ऐसा कहा जा रहा है कि भारत में उन वंदे भारत ट्रेन के अलावा और 400 ऐसी ट्रेन आने का एलान हो सकता है। रेलवे मंत्रालय की योजना है कि आगमन वाले समय में सभी हाई-स्पीड ट्रेनों को उनकी राजधानी और शताब्दी जैसी ट्रेनों के नाम भी बदल दिया जाए। इस बजट में वित्त मंत्री से कुछ और धन हानि की उम्मीद है।
स्टैंडर्ड डिडक्शन की लिमिट बढ़ाने की मांग
टैक्सपेयर्स सरकार चाहते हैं कि इस बजट में मानक डिडक्शन की सीमा 50,000 रुपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दी जाए। अनियमित दर और बढ़ती रहने की लागत को देखते हुए 50 हजार रुपये के मानक डिडक्शन की सीमा को बढ़ाने की आवश्यकता है, ऐसा विशेषज्ञ भी मानते हैं। केंद्र सरकार के सामने इस मोर्चों पर मदद बढ़ाने का जो विकल्प है, उसे बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दिया जाए तो आम जनता को अच्छी राहत मिल सकती है।
होम लोन डिडक्शन की लिमिट बढ़ा दी गई है
इनकम टैक्स के सेक्शन 24 (बी) के टैक्स टैक्सदाताओं के घर के लोन पर दिए गए वेग पर 2 लाख रुपये तक की टैक्स छूट हासिल कर सकते हैं। होम लोन डिडक्शन की सीमा 2 लाख रुपये तक ही है और एक साल में अधिकतम 2 लाख रुपये की छूट ले सकते हैं। इसके भी बढ़ने की मांग हो रही है और संपत्ति के बढ़ते दामों के बीच इस डिक्शन की लिमिट बढ़ सकती है।
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