भरोस: अब भारत के पास अपना एक ऑपरेटिंग सिस्टम है। IIT मद्रास ने हाल ही में भरोस नामक एक नए स्वदेशी ऑपरेटिंग सिस्टम को पेश किया है। संस्थान के अनुसार, भरोस को एक सुरक्षित और निजी मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम के तौर पर विकसित किया गया है। यह एक AOSP-आधारित भारतीय ऑपरेटिंग सिस्टम है। कहा जा रहा है कि भरोस भारत के उन 100 करोड़ मोबाइल टेलीफोन उपभोक्ताओं के लिए काफी काम कर सकता है, जो विदेशी प्राधिकरण के Android और iOS ऑपरेटिंग सिस्टम वाले स्मार्टफोन का उपयोग कर रहे हैं। इस ऑपरेटिंग सिस्टम के बारे में सुनकर पहला सवाल जो हर किसी के दिमाग में आता है कि क्या भरोस गूगल का Android या फिर iOS का एक अल्टरनेटिव बन सकता है? इतना ही नहीं, इससे जुड़े कई और सवाल मन में आते हैं। यहां हम इसी तरह के सभी सवालों के जवाब दे रहे हैं।
सवाल : भरोस क्या है?
उत्तर : भरोस एक एओएसपी (एंड्रॉइड ओपन ओपन प्रोजेक्ट) ऑपरेटिंग सिस्टम है। इसे मद्रास ने तैयार किया है। इसे सुरक्षित और पावरफुल ऑपरेटिंग सिस्टम के तौर पर डिजाइन किया गया है। इसे JandK ऑपरेशंस प्राइवेट लिमिटेड (JandKops) ने विकसित किया है, जो मद्रास में एक गैर-लाभकारी संगठन की स्थापना करता है।
सवाल : भरोस कहां हो सकता है?
उत्तर : इस ऑपरेटिंग सॉफ्टवेयर को कमर्शियल ऑफ़ द शेल्फ़ पर रिकॉर्ड किया जा सकता है। भरोस डेवलपर्स का दावा है कि नए देशी ओएस को यूजर्स को अधिक समान अनुपात देने के लिए डिजाइन किया गया है।
सवाल : भरोस का इस्तेमाल कौन कर सकता है?
उत्तर : भरोस वर्तमान में केवल उन्हीं संगठनों के लिए है, जिनमें कड़ी गोपनीयता और सुरक्षा की आवश्यकता है। भरोस अभी तक आधिकारिक तौर पर जनता के लिए जारी नहीं किया गया है।
समाचार रीलों
सवाल : भरोस की रिलीज कब होगी?
उत्तर: अभी तक भरोस के डेवलपर्स ने इसकी रिलीज डेट या सपोर्टेड स्मार्टफोन्स के बारे में कोई जानकारी नहीं दी है।
सवाल : भरोस के कुछ खास फीचर्स क्या हैं?
उत्तर : भरोस एक मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम है, जिसका उद्देश्य उपभोक्ताओं को उनकी डिवाइस की सुविधाएं और प्राइवेसी पर अधिक कंट्रोल देना है। भरोस के डेवलपर्स ने इसके कुछ फीचर्स बताए हैं, जिनके बारे में हम यहां बता रहे हैं..
- भरोस में कोई ब्लोटवेयर या डिफॉल्ट कनेक्शन कनेक्शन नहीं होता है, जिससे यूजर्स को ज्यादा स्टोरेज स्पेस मिल जाता है।
- भरोस यूजर्स को किसी ऐसे ऐप का इस्तेमाल करने के लिए भी मजबूर नहीं करता है, जिस पर वे भरोसा नहीं कर सकते।
- भरोस एंड्रॉइड की तरह “नेटिव ओवर द एयर” (नोटा) अपडेट करता है, जिसका मतलब है कि सॉफ्टवेयर अपडेट डिवाइस स्वचालित रूप से डाउनलोड और राउटर हो जाएगा।
- भरोस प्राइवेट ऐप स्टोर सर्विस (पास) की सुविधा मिलेगी, बिना किसी एक शुल्क के डाउनलोड करें। डेवलपर्स ने दावा किया है कि पास केवल उन्हीं की लिस्ट दिखाता है, जिनकी पूरी तरह से जांच की जाती है।
प्रश्न : BharatOS और Android में क्या अंतर है?
उत्तर : भरोस टेक्निकल रूप से वीडियो के जैसा है, क्योंकि यह वीडियो ओपन ही माइक्रोफोन प्रोजेक्ट (AOSP) पर आधारित है। भरोस और गूगल के एंड्रॉइड के बीच मुख्य अंतर यह है कि भरोस से पहले किए गए दस्तावेजों के साथ कोई समझौता नहीं होता है।
प्रश्न : क्या भरोस Android से बेहतर है?
उत्तर : दोनों की तुलना करने से पहले, भरोस और एंड्रॉइड के बीच कुछ प्रमुख अंतर को देखा जाना चाहिए।
- अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि कोई पहले से जोड़े गए OS को भरोस से कैसे बदला जा सकता है।
- भरोस को कैसे जोड़ा जाए या कौन डिवाइस इसका समर्थन करेगा, इसके बारे में कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है।
- इसके अतिरिक्त, यह ज्ञात नहीं है कि भरोसे की सुरक्षा कब तक और कुल मिलाकर मिलती है।
- इसके अलावा, भरोस के डेवलपर्स ने इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी है कि ओएस कब डाउनलोड के लिए उपलब्ध होगा।
- ढेर सारे सवालों के बीच यह ऑपरेटिंग सिस्टम Android से बेहतर है या नहीं, इसका जवाब देना मुमकिन नहीं है।
यह भी पढ़ें – अब इस शहर में भी लॉन्च होगा एयरटेल का 5G, जानिए अभी किन शहरों में है सर्विस