बिजनेस स्टार्टअप क्लासरूम: हर हफ्ते हम व्यवसाय के माध्यम से खोज के लिए जरूरी चीजों के बारे में विवरण देते हैं। आपके लिए जरूरी है कि दिखावे की सुंदरता से जुड़ी परेशानियों के बारे में जानकर उनके लिए कुछ प्रयास करें। पिछले लेखों की मदद से आप अपने सक्रिय होने को शुरू करने से लेकर इसकी फंडिंग से जुड़े तथ्यों को समझ रहे हैं। इस बार भी हम आपके लिए कुछ जानकारी लेकर आए हैं जो आपके बेहद काम आएंगे।
अभी तक के लेखों में हमने ये तो समझ लिया है कि धीर खोज करना एक कठिन यात्रा होती है, जहां बड़े सारे उतार-चढ़ाव के साथ आप एक बड़े लक्ष्य की ओर बढ़ते हैं। अनुशीलन में आपको बहुत से ऐसे लोगों की ट्रेन होती है जो आपको इस सफ़र में आपकी मदद कर सकती है, आपके फेल होने के चांस को कम कर सकती है, आपको वो ज़रूरी जगह दे सकते हैं जो एक गति को शुरू करने के लिए चाहिए। बस सिंक्रोनाइज़ेशन से शुरुआत हो जाती है इन्क्यूबेशन सेंटर्स की। तो आज के इस लेख में समझें कि एक जिज्ञासु को सफल बनाने में इन्क्यूबेशन सेंटर्स कैसे अहम भूमिका निभाते हैं और एक फाउंडर को इन्क्यूबेशन सेंटर सेलेक्ट करते हुए किन किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
इन्क्यूबेशन सेंटर क्या करते हैं
फ़र्ज़ आपके पास एक बीज है तो उसे पेड़ बनाने के लिए आपको ज़मीन से लेकर उसकी ज़रूरतों की जानकारी और उसे प्रोटेक्ट करने के लिए सही घरों की गाड़ी संकेत आपको। इसलिए अनुसंधानशील रूप में इनक्यूबेशन सेंटर्स के लिए समान भूमिकाएं हैं।
ये ऐसी संस्थाएं होती हैं वास्तव में शुरुआती काम को लेकर जोखिम को लेकर मार्किट में पहुचना और सेल, फंडिंग सपोर्ट तक होता है। ये आपके जुड़ाव को वर्किंग स्पेस, मेंटरिंग, मार्केटिंग, प्रोडक्ट्स, संबद्धता फंडिंग, नेटवर्क सुपोर्ट, रेगुलर ट्रेनिंग, टीम सपोर्ट, लैब्स, जरूरी टूल्स, सब कुछ देने का काम करते हैं। आज सरकार की तरफ से भी हर राज्य में कई सरकारी और गैर सरकारी इन्क्यूबेशन (सरकार के सहियोग से) सेंटर चल रहे हैं जहां इन सपोर्ट के साथ शुरुआती अनुदान भी दिए जाते हैं।
इनक्यूबेशन सेंटर्स कैसे चुनें
इस बात को समझने के लिए आपको खुद समझ में आ जाएगा कि आपको किस सपोर्ट की ट्रेन है, या आपको काम करने के लिए मजबूर होना पड़ता है, या सेल, मार्केटिंग, फंडिंग में सहायता। आज देश में हजारों इन्क्यूबेशन सेंटर काम कर रहे हैं, आप उनका सपोर्ट कहीं से भी बैठ सकते हैं, तो जब भी आप इन्क्यूबेशन सेंटर सेलेक्ट करें तो उस संस्थान की वेबसाइट पर जाएं और देखें कि वहां किस तरह का सपोर्ट मिलता है, फाउंडर्स कौन हैं, उनका अनुभव क्या है, वो किस तरह के अनुयायी पर फोकस करते हैं, मेंटर्स की लिस्ट देखें, साथ ही पहले कौन से अनुयायी यहां इनक्यूबेट हो सकते हैं उस पर रिसर्च करें और पहुंचें तो उनसे बात भी करें।
यहां बताना जरूरी है कि हर इन्क्यूबेशन सेंटर्स का अपना सिलेक्शन क्रेट्रेरिया होता है, जहां आप अप्लाई करने के बाद कई तरह के इंटरव्यू के लिए अटकते हैं। ध्यान रखें इनक्यूबेटर्स आपको सपोर्ट देने के लिए आपसे कुछ कर्मचारी या सक्सेस फी चार्ज करते हैं।
इन्क्यूबेशन के लिए कब अप्लाई करना चाहिए
देश में हर दौड़ के चरण के होश से इन्क्यूबेशन सेंटर बने हैं, आपको तय करना है कि आपको कब जाना चाहिए, अनुशीलन के कौन से चरण होते हैं और उस चरण पर क्या जरूरत है इसकी जानकारी के लिए, स्टार्टअप क्लासरूम सीरिज में मेरा फंडिंग के ऊपर लिखा गया लेख अवश्य पढ़ें।
हालांकि मैं अपने अनुभव से कह सकता हूं कि आपको शुरूआती दौर में ही इन्क्यूबेशन ट्राई करना चाहिए, इससे आपके होने की गुजांइश थोड़ी कम निश्चित रूप से होती है, साथ में ट्रेडमार्क अधिकतर सेंटर ढेर सारे फ्री टूल्स देते हैं जो होस्टिंग, ईमेल, सीआरएम, बिलिंग, मार्केटिंग टूल्स पर आपके लाखों रुपये देते हैं।
इन्क्यूबेशन सेंटर कैसे मिलते हैं
देश में आज सरकारी और गैर सरकारी केंद्र की भरमार है। आज सरकार के कई सारे ऐसे उपाय हैं जो शुरू करने से लेकर फंडिंग सुपोर्ट दे रहे हैं। भारत सरकार के अटल इन्क्यूबेशन सेंटर्स की वेबसाइट पर आप सरकार और सरकार की मदद से कई सेंटर्स की जानकारी ले सकते हैं। इसी के साथ AWS, Google जैसी तमाम बड़ी विविधताएं फैलती को सपोर्ट कर रही हैं, खुद स्किलिंग यू का सिलेक्शन 2022 के Google और MEITY के टॉप 100 प्रॉमिसिंग रेसिस में हुआ था और जिसका सपोर्ट हमें अभी तक मिल रहा है।
Google Appscale 2023 के लिए सिलेक्शन प्रक्रिया शुरू आप यहां भी कर सकते हैं। साथ ही साथ 500 स्टार्टअप, सिस्को लॉन्चपैड, इंडियन एंजल नेटवर्क स्टार्टअप, आईआईटी, आईआईएम में चल रहे इनक्यूबेटर्स, रूरल इंडिया पर फोकस इनोस्केल ग्लोबल फाउंडेशन को आप आजमा सकते हैं।
नोटः राइटर स्किलिंग यू के संथापक और सीईओ हैं, प्रकाशित विचार उनके निजी हैं।
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