यूपीएससी सक्सेस स्टोरी: क्या आप सोच सकते हैं कि जिस लड़के को 10वीं की परीक्षा पास करने के बाद चपरासी की नौकरी न मिली हो, वह आईएएस अधिकारी बन सकता है? लेकिन यह सच है। ऐसा कर दिखाया गया था राजस्थान के शॉट्सराम शर्मा ने. वह सन 2009 में फॉरसी की परीक्षा पास कर आईएएस बने थे। राजस्थान की आलवर की दीवार के धनगढ़ी गांव में रहने वाले पैसेराम के रहने के ठिकाने नहीं थे, वे बहरापन थे। मजदूर पिता के बेटे मनीराम गांव में स्कूल न होने पर प्रतिदिन 5 किलोमीटर पैदल चलकर स्कूल जाते थे।
उनकी दसवीं कक्षा पास करने के बाद पिता उन्हें लेकर नौकरी के लिए गए थे। वहीं उन्होंने पैसेराम के लिए छपरासी की नौकरी दे दी थी। तब उन्होंने कहा ‘यह सुन नहीं सकता। न घंटी सुनाई देगी और न किसी की आवाज। यह छपरासी कैसे बन सकता है? तब मनीराम के पिता की गारंटी है, वह एक दिन बड़ा अधिकारी बनकर दिखायेगा। उन्होंने वैसा ही वैसा ही कर भी दिखाया।
वे क्लार्क की परीक्षा पास करते हैं। राज्य में क्लार्क की परीक्षा पास करने के बाद वे दोनों की स्कॉलरशिप भी हासिल कर लेते हैं और फिर आईएएस बनने की ठानी।
2009 में आईएएस बने
मनीराम ने सन 2005 में टपसी की परीक्षा पास की। बहरेपन के कारण उन्हें नौकरी नहीं मिली। 2006 में दोबारा परीक्षा पास की.तब उन्हें पोस्ट एंड टेलीग्राफ अकाउंट्स की नौकरी मिली। इसके बाद उन्होंने कान का ऑपरेशन पूर्वाभास किया। जिसके बाद वह सुनता है। सन 2009 में फिर उन्होंने सीढ़ी की परीक्षा पास की और आईएएस बने।
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