अमर्त्य सेन पर ममता बनर्जी: ममता बनर्जी ने सोमवार (30 जनवरी) को नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन से उनके घर जाने के लिए मुलाकात की। इस मौके पर अमर्त्य सेन को अपनी जमीन के दस्तावेज भी सौंपे। इससे पहले विश्व-भारती विश्वविद्यालय के कुलपति बिद्युत चक्रवर्ती ने नोबेल विजेताओं पर विश्वविद्यालय में जमीन पर कब्जा करने का आरोप लगाया था। जिसके बाद फ्रैंक ने अमर्त्य सेन का समर्थन किया है।
ममता बनर्जी ने अमर्त्य सेन पर लगे इन झूठों को आधारहीन बताया। सीएम ने नोबेल विजेताओं को राज्य की भूमि एवं भूमि सुधार विभाग के जमीन के रिकॉर्ड को सौंप दिया, जो पूरे 1.38 एकड़ जमीन पर अपने कानूनी अधिकार को मान्यता देते हैं। अमर्त्य सेन को छपाई करते हुए क्लिक ने कहा, “भविष्य में अब उनसे कोई सवाल नहीं होगा।”
‘अमृत्य सेन की छवि खराब करने की कोशिश’
सीएम ममता ने कहा, “यह उनकी छवि को खराब करने का प्रयास है। किसी को उनका अपमान करने का अधिकार नहीं है। हम इसे संरक्षित नहीं करेंगे।” लेकिन इस पवित्र संस्था का भगवाकरण का प्रयास किया जा रहा है।” ममता ने यह भी कहा, “हर चीज का भगवाकरण करने की कोशिश हो रही है और इस प्रक्रिया में शिक्षा व्यवस्था से जुड़े कुछ लोग नोबेल पुरस्कार विजेताओं का अपमान कर रहे हैं रहे हैं।”
अमर्त्य से Z+ श्रेणी की सुरक्षा मिलेगी
ममता ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा, “नोबेल पुरस्कार विजेताओं का अपमान किसी भी कीमत पर नहीं छोड़ा जाएगा।” उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, “अगर अब भी कोई जमीन पर अवैध कब्जे की बात कहेगा, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी।” उन्होंने नोबेल विजेताओं को जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा देने का ऐलान किया है। सीएम ने पुलिस निर्वाचन मनोज मालवीय को आदेश दिया कि जल्द से जल्द इसे दर्ज करें और जांच करें।
बुक मेले का किया उद्घाटन
इससे पहले सीएम ममता ने 46वें कोलकाता इंटरनेशनल बुक मेले का उद्घाटन किया। इस दौरान जीआरपी ने कहा, “जो यह देखकर दुख होता है कि कुछ लोग देश में नकारात्मकता फैलाने की कोशिश कर रहे हैं।” इस दौरान उन्होंने किसी का नाम लिए बिना कहा, “मैं द्वेष फैलाने की इस संस्कृति की निंदा करता हूं।”