अदानी ग्रुप रो: अडानी समूह के खिलाफ धोखाधड़ी के भ्रष्टाचार पर चर्चा और जांच को लेकर गुरुवार (2 फरवरी) को विपक्षी दलों ने संसद के दोनों सदनों में आरोप लगाया। हंगामे के कारण सोमवार (लोकसभा) और राज्यसभा (राज्यसभा) की कार्यवाही पर रोक लगा दी गई। अमेरिका की शॉर्टसेलिंग कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च (हिंडनबर्ग रिसर्च) के खिलाफ नौ विरोधी दल अदानी समूह के खिलाफ संसद में चर्चा की मांग कर रहे हैं। जानिए मामले से जुड़ी बड़ी बातें।
1. विपक्षी पार्टियों ने हिंडनबर्ग रिसर्च की ओर से धोखाधड़ी के जिम्मेदारों के बाद अडानी समूह के शेयरों में निरंतर गिरावट से भारतीय साझेदारी के लिए जोखिम पर चर्चा की मांग की। उन्होंने एक पैनल पैनल या सुप्रीम कोर्ट की ओर से नियुक्तियों की समिति की जांच के लिए भी कहा। कांग्रेस ने अदानी उद्यमों के मामले को लेकर कहा कि सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश की निगरानी में इस पूरे मामले की जांच की जाए और उसकी रिपोर्ट प्रतिदिन सार्वजनिक की जाए। इस प्रकरण को लेकर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) का गठन हो।
2. मुख्य विपक्षी दल ने यह भी कहा कि पब्लिक एडवाइजरी एंड इंडियन लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन (एलआईसी) के अदानी समूह में निवेश और वीजा के जोखिम की सुरक्षा को लेकर संसद में विस्तृत चर्चा शुरू की जाएगी। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने अडानी समूह पर कटाक्ष करते हुए ट्वीट किया कि अडानी का नैतिक रूप से सही होने की बात वैसे ही है जैसे उनके प्रमुख की ओर से रवैया, संवेदनशीलता और विशाल हृदयता के सदगुणों का उपदेश देना। यह प्रारंभिक राजनीतिक विज्ञान है।
3. कांग्रेस और कई अन्य विपक्षी दलों ने संसद के मौजूदा बजट में अपनी रणनीति को लेकर बृहस्पतिवार को बैठक की और फैसला किया कि वे अडानी एंटरप्राइजेज से मामा और कुछ अन्य विषयों को इस सत्र के दौरान उठाएंगे। राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के संसद भवन स्थित बैठक में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश, बेरोजगार कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय एवं डेरेक ओब्रायन, आम आदमी पार्टी के संजय सिंह, द्रमुक की कनिमोई, समाजवादी पार्टी के रामगोपाल यादव, बीजेपी (भाजपा) उडौड़ा ठाकरे) के संजय राउत और कुछ अन्य पार्टियों के नेता मौजूद थे।
4. खड़गे ने अडानी इंटरप्राइजेज का प्रत्यक्ष उल्लेख बिना राज्यसभा नियम 267 के तहत कार्यस्थगन का नोटिस दिया था। नोटिस में मांग की गई थी कि बाजार में शेयर पूंजी प्राधिकरण में भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी), सार्वजनिक क्षेत्र की चिंताओं और वित्तीय पहल के निवेश के मुद्दों पर चर्चा करें।
5. कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने भी कार्यस्थगन का नोटिस देकर अडानी इंटर्नशिप के मुद्दों पर चर्चा की मांग की थी। जैसे कि गुरुवार को दोनों सदनों की कार्यवाही शुरू हुई तो अटक गई। कल के अध्यक्ष ओम बिरला ने अपनी निराशा को अस्वीकार कर दिया और सदस्यों से निराधार का दावा नहीं करने के लिए कहा, जबकि राज्यसभा के अध्यक्ष, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने चाहने की मांग को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि वे क्रम में नहीं थे। इससे नाराज सहयोगियों ने मैत्रीपूर्ण रवैये की. जिसके बाद सदन की कार्रवाई की गई।
6. कांग्रेस के मीडिया और प्रचार विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने दावा किया, “मोदी जी, बहुत मेहनत करके जो गुब्बारा फुलाया, उसकी हवा निकल गई। सारे नियम कानून ताक पर रखने वाले मोदी जी ने एक आदमी पाल-पोसकर बड़ा किया। यह मोदी जी और अडानी जी के बीच का मामला होता है तो हमें क्या आपत्तिजनक था। यह मामला हर भारतवासी की खून-पसीने की कमाई से जुड़ा है। यह मामला सभी की जेब तक पहुंच गया है।”
7. खेड़ा का कहना था कि उन 45 करोड़ भारतीय नागरिकों के निवेश की सुरक्षा का सवाल है जिन्होंने एलआईसी में पैसा लगाया है। उन्होंने कहा, “अडानी जी के ‘प्राइम मैटर’ अब चुप हैं। मोदी कुछ बोल नहीं रहे हैं। मोदी जी आप एलआईसी के 45 करोड़ खाताधारकों को धोखा तो नहीं दे रहे हैं।” कांग्रेस नेता ने कहा, “हमारी तीन मांगें हैं। सर्वोच्च न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश की निगरानी में इस मामले की जांच हो जिसकी रिपोर्ट प्रतिदिन सार्वजनिक की जाए। इस प्रकरण को लेकर जेपीसी का आंकड़ा हो। सार्वजनिक समझदार और भारतीय जीवन बीमा निगम के अडानी समूह में इंटरनेट और जोखिम की जोखिम को लेकर संसद में विस्तृत चर्चा होने जा रही है।”
8. संसद का बजट सत्र मंगलवार से शुरू हो गया था। सत्र का पहला भाग 13 फरवरी तक होगा। 14 फरवरी से 12 मार्च तक सदन की कार्यवाही नहीं होगी और इस दौरान संबद्ध संबद्ध सीमाओं की स्थायी समितियाँ दस्तावेज़ों की समीक्षा और अपने मंत्रालयों और संबंधित संबंधित रिपोर्ट तैयार दस्तावेज देंगी। बजट सत्र का दूसरा भाग 13 मार्च से शुरू होकर 6 अप्रैल तक आएगा।
9. आरोपित है कि अडानी इंटरप्राइजेज ने बुधवार को अपने 20 हजार करोड़ रुपये के अनुगामी सार्वजनिक निर्गम (एफपीओ) को वापस लेने और वर्कशॉप का पैसा लौटाने की घोषणा की। हालांकि, कंपनी के एफपीओ को मंगलवार को पूर्ण अभिदान मिल गया था। समझा जाता है कि अडानी इंटरप्राइजेज ने यह कदम अमेरिका की शॉर्टसेलिंग कंपनी हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद उठाया है। बता दें कि, हिंडनबर्ग ने 25 जनवरी को अदानी ग्रुप को लेकर एक रिपोर्ट जारी की थी जिसमें दावा किया गया था कि ये ग्रुप डिक्स से स्टॉक में हेरफेर और अकाउंट की धोखाधड़ी में शामिल है। हालांकि अडानी ग्रुप ने रिपोर्ट को निराधार बताया था।
10. उद्योगपति गौतम अडानी (गौतम अदानी) ने कहा कि बाजार में उतार-चढ़ाव के कारण उनके समूह की प्रमुख कंपनी को पूर्ण अभिदान मिलने के बावजूद अनुगामी सार्वजनिक निर्गम (एफपीओ) को वापस लेने का फैसला किया गया। हिंडनबर्ग रिसर्च (हिंडनबर्ग रिसर्च) की पिछले हफ्ते आई रिपोर्ट के बाद अदानी ग्रुप की इक्विटी शेयर में 90 अरब डॉलर से अधिक की गिरावट आई है। अडानी ने कहा कि बाजार के स्थिर होने के बाद पूंजी बाजार रणनीति की समीक्षा करेंगे।
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