शिक्षक प्रशिक्षण पर अरविंद केजरीवाल: अरविंद केजरीवाल ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना से दिल्ली के सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को शिक्षा के लिए फिनलैंड भेजा जाने की अनुमति देने की मांग की। इस दौरान उन्होंने दावा किया कि शिक्षा के क्षेत्र में बहुत बड़ी क्रांति हो रही है।
सीएम अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि दिल्ली की तरह ही अब पंजाब में भी पूरी प्रक्रिया शुरू हो गई है. एक तरफ मुख्यमंत्री भगवंत मान इंफ्रास्ट्रक्चर ठीक है, स्कूलों कायाकल्प कर रहे हैं तो दूसरी तरफ के शिक्षकों को तैयार करने के लिए विदेश में शिक्षा पर भेजा जा रहा है। उन्होंने आगे बताया कि चार फरवरी को पंजाब के सरकारी स्कूलों के 36 प्रमुख पांच दिनों की शिक्षा के लिए सिंगापुर जाएंगे। प्रशिक्षण 6 फरवरी से 10 फरवरी तक चलेगा।
क्या उम्मीद है?
अरविंद अरविंद ने कहा कि हमें उम्मीद है कि जब वे लौटेंगे तो एक-एक प्रिंसिपल अपने-अपने स्कूल को सुधारने की कोशिश करेगा। दिल्ली में अब तक 1 हजार से अधिक प्रमुख विदेश में पढ़ाई कर चुके हैं और वापस लौटने के बाद उन्होंने अपने स्कूलों में सुधार किया है। उन्होंने आगे कहा कि जहां एक तरफ दिल्ली से सीखकर दूसरे राज्य अब अपने शिक्षकों को विदेश भेज रहे हैं, वहीं दिल्ली के अंदर गांधी राजनीति की वजह से इस काम को रोकने की कोशिश की जा रही है।
क्या प्लान किया था?
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हमने योजना बनाई थी कि दिसंबर में 30 प्रिंसिपल और 30 मार्च को ट्रेनिंग करने के लिए जाएं, लेकिन एलजी वीके सक्सेना के बार-बार अधिकार पर रोक लगाने की वजह से दिसंबर में टीचर्स को ट्रेनिंग पर नहीं पाया जा सका। एक बार फिर ऐसा लगता है कि मार्च की ट्रेनिंग भी कैंसिल हो जाएगी।
उन्होंने आगे बताया कि हमने उपराज्यपाल के पास पहली बार 25 अक्टूबर 2022 को फाइलिंग की थी, लेकिन 15 दिन फाइल रखने के बाद उन्होंने तीन आपत्तिजनक 10 नवंबर को फाइल वापस भेज दी। मैंने जब इसे दूर कर दिया तो 9 जनवरी को उन्होंने दो और आपत्तिजनक वापस फाइल भेज दी। अब हम इसे दूर कर 20 जनवरी को फाइल को फाइल करते हैं, लेकिन अब तक फाइल का कोई अता-पता नहीं है।
संविधान का दिया उल्लेख
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जब मैं और मेरे सभी विधायक इसके विरोध में राजनिवास गए और एलजी वीके सक्सेना से फाइल को स्पष्ट करने का अनुरोध किया था, तब उन्होंने मीडिया के सामने कहा कि मुझे शिक्षकों के विदेश जाने पर कोई आपत्ति नहीं है. उन्होंने आगे कहा कि कानून और संविधान में स्पष्ट-साफ लिखा है कि एलजी मंत्रिपरिषद की सलाह और सहायता प्राप्तकर्ताओं को बाध्य किया जाता है।
केंद्र सरकार पर ध्यान
अरविंद अरविंद ने कहा कि केंद्र सरकार ने लिखा है कि राष्ट्रपतिपरिषद की सलाह और सहायता प्राथमिकता को लेकर बाध्य है। केंद्र और राज्यों की फाइलें राष्ट्रपति या राज्यपाल के पास नहीं जाती हैं। दिल्ली में भी 2018 में सुप्रीम कोर्ट के संविधान पीठ ने आदेश दिया था कि एलजी के पास फाइल्स नहीं हैं। पृष्ठ और मंत्री सभी नियम ङ और वो नियम तुरंत लागू कर दिए जाएंगे। वर्ष 2021 में केंद्र सरकार ने कानून को पारित कर दिया और इसमें लेखन दिया कि सभी फाइलें एलजी के पास स्क्रिप्ट हैं।
मेयर चुनाव पर क्या बोले?
सीएम अरविंद केजरीवाल ने एमसीडी के मेयर पद के चुनाव को लेकर मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि ब्रॉक वाले बोलें कि वे चुनाव होंगे या नहीं होंगे। हर बार बीजेपी वाले ही चुनाव को दिखाते हैं। हम तो चुनाव चाहते हैं.
उन्होंने आगे कहा कि पिछली बार हमने सबने देखा कि बीबीसी के लोग अस्पष्ट शोर कर रहे थे। अब उन्हें ले जाना चाहिए कि वे चुनाव हार गए हैं। वे जैसे राज्यों में चुनाव हार जाते हैं, लेकिन फिर भी उनकी सरकार बनती है। वे खरीद-फरोख्त कर लेते हैं। बीजेपी वाले पार्षदों को नहीं खरीद रहे हैं।
‘दिल्ली को कम पैसे दिए’
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सेंटर की दिल्ली से दुश्मनी क्या है? सेंटर सरकार पूरे देश से इनकम टैक्स ग्रुप करती है जो राज्यों में शेयरना होता है। दिल्ली ने 1.75 लाख करोड़ रुपये दिए, लेकिन केंद्र ने दिल्ली को केवल 325 करोड़ ही दिए। पिछले 20 साल से यह मिल रहा है।