जावेद मियांदाद पर वेंकटेश प्रसाद: एशिया कप 2023 (एशिया कप 2023) की मेजबानी को लेकर भारत और पाकिस्तान के क्रिकेट बोर्ड के बीच चल रही तनातनी के बीच रविवार को पूर्व पाक क्रिकेटर जावेद मियांदाद (जावेद मियांदाद) ने आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। उन्होंने पाकिस्तान में एशिया कप की मेजबानी का विरोध कर रहे थे बीसीसीआई के रूख पर ‘भाड़ में जाओ वो’ जैसे शब्द इस्तेमाल किए थे। अब मियांदाद की इस टिप्पणी पर पूर्व भारतीय समुद्र वेंकटेश प्रसाद (वेंकटेश प्रसाद) ने ट्वीट कर जवाब दिया है।
वेंकटेश प्रसाद ने मियांदाद से जुड़ी इस खबर को शेयर करते हुए बस इतना सा लिखा है कि, ‘लेकिन वे घायल होने से मना कर रहे हैं।’
लेकिन वे नरक में जाने से इंकार कर रहे हैं 🙂 https://t.co/gX8gcWzWZE
– वेंकटेश प्रसाद (@venkateshprasad) फरवरी 6, 2023
जोतेब है कि एशिया कप 2023 की मेजबानी में पाकिस्तान का इंतजार किया गया था, लेकिन पिछले साल अक्टूबर में बीसीसीआई सचिव जय शाह ने साफ कर दिया था कि भारतीय टीम पाकिस्तान का दौरा नहीं करेगी। इसी के बाद एशिया कप 2023 की मेजबानी को लेकर विवाद छिड़ गया था। हाल ही में बहरीन में एशियाई क्रिकेट परिषद की बैठक हुई, इसमें भी कुछ खास बात नहीं बनी। पाकिस्तान जहां हर हाल में एशिया कप 2023 की मेजबानी चाहता है, वहीं बीसीसीआई का कहना है कि वह स्थिति स्थिति में भारतीय टीम को पाकिस्तान नहीं भेजेगा। अगले महीने इस मामले में स्थिति साफ हो सकती है। वैसे तो बीसीसीआई का रूख के बाद माना जा रहा है कि एशिया कप में झटका लगा सकता है।
क्या बोले थे जावेद मियांदाद?
एक घटना के दौरान पाकिस्तान के एक न्यूज चैनल से बातचीत करते हुए जब मियांदाद से भारतीय टीम के पाकिस्तान नहीं आने को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने साफ-साफ लहजे में कहा कि भारतीय टीम पाकिस्तान नहीं आ रही है तो घायल में जाएं, पाकिस्तान इससे अलग नहीं हैं। मियांदाद ने कहा था, ‘मैं पहले भी कहता हूं कि अगर वे (भारतीय टीम) नहीं आ रहे हैं तो घायल हो जाएं, हमें कोई फर्क नहीं पड़ता। हमें हमारी क्रिकेट मिल रही है। ये आईसीसी का काम है। अगर ये चीज ICC कंट्रोल नहीं कर सकती तो फिर ऐसी गवर्निंग बॉडी का कोई काम नहीं है।’
मियांदाद ने मनगढ़ंत कारण बताया था
मियादांद ने इस दौरान भारतीय टीम के पाकिस्तान नहीं आने का एक मनगढ़ंत कारण भी बताया। उन्होंने कहा, ‘भारतीय टीम यहां क्यों नहीं खेलती है क्योंकि उनकी परेशानी तब होती है जब वह यहां से हार जाते हैं। भारत की जनता ऐसी ही है। हमेशा उनका यही रहा है, जब भी हारते हैं तो उनकी समस्या हो जाती है। हमारे समय पर भी इसी वजह से वो यहां नहीं आ रहे थे। जब भी भारत हारता है, चाहे हमसे कोई हारे या हारे, तो वहां के पब्लिक हाउस में आग लग जाती है। हमें याद है जब हम खेलते थे तो उनके खिलाड़ियों के साथ कितनी परेशानी होती थी।’
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