नई कर व्यवस्था: न्यू इनकम टैक्स रिजिम के तहत अब टैक्सपेयर्स को कम टैक्स चुकाना होगा तो ही नए टैक्स रिजिम के तहत 7 लाख रुपये तक ब्लूप्रिंट आय पर कोई टैक्स नहीं चुकाना होगा। इससे टैक्सपेयर्स को बचत होगी, इसलिए वे बहुत लंबी अवधि के लिए बचत कर सकते हैं या जरूरी के होश से बचते हुए टैक्स की रकम को अपनी सुंदरता को पूरा करने पर खर्च कर सकते हैं।
7 लाख रुपये से ज्यादा आय वाले मुश्किल में!
हालांकि जिस टैक्सपेयर्स की आय 7 लाख रुपये से थोड़ा ज्यादा है, उन्हें 25,000 रुपये के टैक्स रिबेट का लाभ नहीं मिल रहा है। नए इनकम टैक्स रिजिम के तहत अगर किसी टैक्सपेयर्स की आय 7,01,000 रुपये सालाना होगा तो 25,000 रुपये टैक्स रिबेट का लाभ नहीं मिलेगा और ऐसे टैक्सपेयर्स को 25,100 रुपये और से मिलाकर कुल 26,140 रुपये टैक्स चुकाना होगा. यानी केवल 7 लाख रुपये के ऊपर केवल 1,000 रुपये के अतिरिक्त आय होने पर टैक्सपेयर्स को 26,140 रुपये टैक्स का भुगतान करना होगा।
टैक्सदाताओं पर टैक्स की मार
मान लिजिए अगर किसी व्यक्ति का ब्लूप्रिंट आय 7,29,000 रुपये है तो उसे 29,016 रुपये टैक्स का भुगतान करना होगा। यानी 7 लाख रुपये से ज्यादा आय वो टैक्स के भुगतान में ही चला जाएगा। यानि 7 लाख रुपये लेकर 7,29,000 रुपये तक जिस टैक्सपेयर की आय होगी उन पर टैक्स की जबरदस्त मार करने वाले हैं। ऐसे में इन टैक्सपेयर्स के पास एक ही विकल्प है कि वे 7 लाख रुपये से ज्यादा जिनती भी आय है उसे लेने से इंकार कर देते हैं तभी उन्हें नए टैक्स रिजीम के तहत 7 लाख रुपये तक के आय पर कोई टैक्स नहीं चुकाने का लाभ मिलेगा।
सरकार दूर करें विश्लेषिकी
हालांकि टैक्स के मामलों की जानकारियों का मानना है कि टैक्सपेयर्स को थोड़ी राहत देने वाले इस वित्तीय अधिकारी को दूर जाना चाहिए, ऐसे चार्ज में टैक्सपेयर्स को लगाया जाता है। एससी के पूर्व अध्यक्ष वेद जैन के अनुसार, इस मार्जिन रिलिफ के तहत यदि किसी टैक्सपेयर की रेटिंग आय 7,01,000 रुपये है तो उसे केवल 1,000 रुपये टैक्स देने के लिए कहें। अगर किसी टेक्सपेयर्स की कमाई 7,10,000 रुपये का ब्लूप्रिंट है तो उस पर केवल 10,000 रुपये का टैक्स लगाया जाता है। इस सुविधा के दिए जाने से टैक्सपर्स अपनी सही आय घोषित करेंगे। अन्यथा 7 लाख रुपये लेकर 7,29,000 रुपये तक चुनावी टेक्सपेयर्स घटाकर अपनी आय घोषित करेंगे जिससे वे टैक्स का भुगतान करने से बच जाएंगे।
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