वामपंथी उग्रवाद पर अमित शाह: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार (7 फरवरी) को गृह मंत्रालय के मंडल सलाहकार समिति की बैठक की अध्यक्षता की। इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (पीएम मोदी) के नेतृत्व वाले ‘आत्मनिर्भर नए भारत’ में हिंसा और वामपंथी अतिपंथ के विचार के लिए कोई स्थान नहीं है। उन्होंने कहा कि करीब चार दशकों में पहली बार 2022 में (नक्सली घटनाओं में) 100 से कम असैन्य नागरिकों और सुरक्षा बलों के जवानों की मौत हुई थी और 2010 के आंकड़े 2022 तक वामपंथी चरमपंथ की घटनाओं में 76 प्रतिशत की कमी आई है।
गृह मंत्रालय के मंडल सलाहकार समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए शाह ने कहा, ‘वामपंथी अतिपंथ से बातचीत की मंत्रालय की नीति के तीन मुख्य स्तंभ हैं… सख्त से हिंसा को खत्म करने की रणनीति, केंद्र और राज्यों के बीच बेहतर सहयोग और विकास में जनभागीदारी के माध्यम से चरमपंथियों को मिलने वाला समर्थन खत्म करना।’
इस नीति पर काम कर रही सरकार
अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने वामपंथी अतिपंथ और किसी भी तरह की हिंसा को नहीं देने की नीति बनाई है. गृह मंत्री ने कहा कि पिछले आठ साल में वामपंथी चरमपंथ पर यथोचित करने में तीन सूत्री नीतियों ने ऐतिहासिक परिणाम दिए हैं।
‘बीएसएफ की शाखा हुई मजबूत’
अमित शाह ने बताया कि वामपंथी उग्रवाद ने क्षेत्रों में अभियान में मदद करने और हमारे सैनिकों की जान बचाने के लिए पिछले एक साल में नए पायलटों और इंजीनियरों को शामिल करने के साथ बीअत की हवाई शाखा को मजबूत किया है।
शाह ने कहा, ‘2010 के (1,005) के जैज वामपंथी चरमपंथ के कारण मरने वाले असैन्य नागरिकों और सुरक्षा कर्मियों की संख्या 2022 में 90 फीसदी घटकर 98 रह गई है।’ अमित शाह ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय धन प्राप्ति के सभी रास्ते बंद करके वामपंथी चरमपंथ की पूरी तरह से बर्बाद करने को प्रतिबद्ध है।
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