आईआरसीटीसी न्यूज अपडेट: (आईआरसीटीसी) के वेबसाइट के जरिए ऑनलाइन रेलवे टिकट बुक (ऑनलाइन रेल टिकट बुकिंग) करने वालों के लिए ये जरूरी खबर है। क्या आप जानते हैं कि ऑनलाइन टिकट बुकिंग पर सुविधा शुल्क (सुविधा शुल्क) दी गई जानकारी को होने वाली कमाई तीन वर्षों में भर दी गई है। वित्त वर्ष 2019-20 में रेल टिकट की बुकिंग पर वसूले जाने वाले सुविधा शुल्क से जहां पत्रकार को 352.33 करोड़ की कमाई हुई थी वो 2021-22 में बढ़कर 694 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (अश्विनी वैष्णव) ने संसद में ये जानकारी दी है।
शुल्क सुविधा से आईआरसीटीसी की कमाई हुई
रेल मंत्री ने आज पूछे गए सवालों का लिखित में जवाब देते हुए कहा कि 2019-20 के बाद जावास्क्रिप्ट (इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन) को सुविधा शुल्क से होने वाली कमाई पर नजर डालें तो 2019-20 में ये 352.33 करोड़ डालें था जो 2020-21 में घटक 299.17 करोड़ रुपये पर आ गया था जब देश में लॉकडाउन किया गया था और लंबे समय तक रेल सेवा बंद थी। 2021-22 में चिपका के सर्विस शुल्क से होने वाली कमाई बढ़कर 694.08 करोड़ रुपये पर पहुंच जाएगी। यानी दो साल में ही सुविधा के आधार पर कमाई के आंकड़े करीब 100 प्रतिशत हो गए। वित्त वर्ष 2022-23 के दिसंबर महीने तक यानी केवल 9 महीनों में रिपोर्ट की सुविधा शुल्क से 604.40 करोड़ रुपये की कमाई हो चुकी है।
टिकट कैंसिल पर सुविधा शुल्क वापस नहीं
रेल मंत्री ने बताया कि दस्तावेज ऑनलाइन ई-टिकट बुक पर सुविधा शुल्क यात्रियों से चार्ज करता है। एसी क्लास के लिए नेट बैंकिंग, क्रेडिट-डेबिट कार्ड से टिकट बुक पर 30 रुपये की सुविधा शुल्क चार्ज होता है जो आपको अनादर पर 20 रुपये शुल्क वसूलता है। वहीं गैर-एसी क्लास के लिए नेट बैंकिंग, क्रेडिट-डेबिट कार्ड से टिकट बुक पर दी गई 15 रुपये की सुविधा शुल्क लगाया जाता है तो आपको दिखावे के लिए 10 रुपये का शुल्क देना पड़ता है। रेल मंत्री ने बताया कि टिकट रद्द करने पर उपभोक्ता सुविधा शुल्क वापस नहीं करता है।
अश्विनी वैष्णव ने बताया कि टिकट रद्द किए जाने पर कैंसिलेशन या क्लार्केज चार्ज रेलवे यात्रियों के नियम 2015 (कैंसिलेशन ऑफ टिकट एंड रिफंड ऑफ फेयर) के तहत शुल्क लिया जाता है। उन्होंने बताया कि रेलवे के ऑर्डर के आधार पर पीड़ित कैंसिलेशन कर्मचारी चार्ज वसूलते हैं।
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