बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी 2023: भारत और ऑस्ट्रलिया के बीच जब भी कोई टेस्ट सीरीज खेली जाती है तो उसका आनंद सिर्फ भारत या ऑस्ट्रेलिया के प्रशंसक ही नहीं बल्कि दुनिया भर के क्रिकेट प्रशंसक लेते हैं। इस बार का हाल भी कुछ ऐसा ही है। बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के लिए 4 मैचों की टेस्ट सीरीज आज से शुरू हो गई है। भारत और ऑस्ट्रेलिया का पहला टेस्ट मैच नागपुर में खेला जा रहा है। इस मैच में ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया था, लेकिन भारत के तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज और शमी ने शुरुआत में उस्मान ख्वाजा और डेविड वॉर्नर को पवेलियन भेजा था। ऑस्ट्रेलियाई टीम सिर्फ 2 रन पर ही अपना 2 विकेट गंवा चुकी थी, लेकिन उसके बाद मार्नस लाबुशेन और स्टीव स्मिथ ने 74 साझेदारी करके टीम की वापसी कराई। पंजीकृत अतिथि टीम का स्कोर 32 ओवर में 2 विकेट की हार पर 76 रन था। टैगा के बाद भारतीय टीम को चोट से वापसी कर रहे हैं रविचंद्र जडेदा ने शानदार वापसी की और एक के बाद एक 3 विकेट चटकाए। इस खबर को लिखे जाने तक ऑस्ट्रेलिया ने 46 ओवर में 5 विकेट लेकर 129 रन बनाए थे।
पिछले 19 सालों में ऑस्ट्रेलियाई टीम ने भारत में एक भी टेस्ट सीरीज नहीं लगाई है। मेहमान टीम ने आखिरी बार भारतीय जमीं पर 2004-05 में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी को अपना नाम दिया था। एडम गिलक्रिस्ट की कप्तानी में ऑस्ट्रेलियाई टीम ने उस सीरीज के 4 मैचों में भारत को 2-1 से मात दी थी। हालांकि, उनकी ऑस्ट्रेलियन टीम को ऐसी खुशी मनाने का मौका दोबारा नहीं मिला क्योंकि वो भारत को भारत में टेस्ट सीरीज नहीं मिली हैं। ऑस्ट्रेलियाई टीम टेस्ट सीरीज के लिए आखिरी बार 2016-17 में भारत आई थी, जहां उन्हें 2-1 से हार का सामना करना पड़ा था। लगभग 6 साल बाद अब ऑस्ट्रेलियाई टीम भारत का दौरा कर चुकी है, लेकिन इस बार भी भारत की पलड़ा भारी नजर आ रहा है। आइए हम आपको इसका कारण बताते हैं।
मानसिक तौर पर भारत का आधिपत्य है –
ऑस्ट्रेलियाई टीम को भारत के खिलाफ पिछली तीन टेस्ट सीरीज में हार का सामना करना पड़ा है। इनमें से आखिरी दो टेस्ट सीरीज तो वो खुद अपने घर में हार गए हैं। 2018-19 में ऑस्ट्रेलिया का दौरा टीम इंडिया मेज़बान टीम को 2-1 से मात दी थी। वहीं 2020-21 में भी भारत ने ऑस्ट्रेलिया का यही काम किया था। अब इस बार भारत के पास होम एडवांटेज है। भारतीय टीम ने पिछली कई घरेलू टेस्ट सीरीज़ में विरोधी टीम की टक्कर नहीं बल्कि सीरीज़ पर भी नज़र रखी है। ऐसे में ऑस्ट्रेलिया के ऊपर भारत का मानसिक दबदबा तो बरकार है।
स्पिन ट्रैक का फायदा –
भारतीय पिच स्पिनर्स के लिए बड़े-बड़े मशहूर हस्तियों को देखा जाता है। पहले टेस्ट मैच में ही नागपुर की पिच को देखकर बौखलाहट होने लगी है। यही कारण है कि वे अपनी टीम में दो स्पिनरों को खाना खिलाते हैं। वहीं, भारतीय टीम में भी रविंद्र जडेजा, अक्षर पटेल और रविचंद्रन अश्विन के रूप में तीन स्पिन समुद्र खेल रहे हैं और लगभग ऐसा ही पूरी सीरीज में होने वाला है। इस वजह से ऐसा लगता है कि स्पिन ट्रैक रहने वाले 3-3 स्पिनरों का फायदा भारतीय टीम को जरूर मिलेगा।
भारत की मजबूत बल्लेबाजी –
भारतीय टीम की बल्लेबाजी हमेशा से ही एक मजबूत पक्ष रही है। उसी समय घरेलू पिचों पर भारतीय बल्लेबाज़ भी हावी हो जाते हैं। इस सीरीज में भी कुछ ऐसा ही होने वाला है। पहले टेस्ट मैच में ही भारतीय टीम अपनी फुल स्ट्रेंथ बैटिंग लाइनअप के साथ उतरी है, जिसमें रोहित शर्मा, केएल राहुल, चेतेश्वर पुजारा, विराट कोहली, सूर्यकुमार यादव जैसे धाकड़ मौजूद हैं। भारतीय टीम में बल्लेबाजी की गहराई का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि नौवें नंबर पर अक्षर पटेल बल्लेबाजी कर सकते हैं, जिन्होंने पिछले कुछ अंतरराष्ट्रीय मैचों में जादू की बल्लेबाजी की है। ऐसे में भारतीय टीम अपने इस मजबूत बल्लेबाजी क्रम से ऑस्ट्रेलियाई टीम पर जरूर दबाव बनाएगी।
सूर्यकुमार यादव – द एक्स फैक्टर –
इस श्रृंखला में उल्लेखनीय ऋषभ पंत नहीं खेल रहे हैं, जिन्होंने पिछली बार ऑस्ट्रेलियाई टीम को काफी परेशान किया था। पंत भारतीय टेस्ट टीम में एक फैक्टर एक्स का काम करता था, जिससे जुड़ी टीम पर दबाव बनता था। इस सीरीज में वही काम सूर्यकुमार यादव कर सकते हैं। सूर्या ने व्हाइट बॉल क्रिकेट में तो अपना 360 डिग्री खेल दुनिया को दिखाया है, लेकिन अब बारी टेस्ट क्रिकेट की है और उम्मीद है कि वह 5 नंबर पर आकर एक एक्स फैक्टर का रोल निभा सकती हैं।
फंसे, इन कुछ कारणों को ध्यान में रखते हुए ऐसा लगता है कि 19 साल से भारत में एक भी टेस्ट सीरीज जीतने वाली ऑस्ट्रेलियाई टीम को इस साल भी निराशा ही हाथ लगेगी।
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