पाकिस्तान संकट पर राज्यसभा में पीएम मोदी: राष्ट्रपति के अभिभाषण पर राज्यसभा में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार (9 फरवरी) को जवाब दिया। इस दौरान विपक्षी सांसदों के मोदी अडानी भाई-भाई के नारों के बीच पीएम सीधे प्रवाह में बोलते रहे। उन्होंने इशारों-इशारों में पड़ोसी देशों श्रीलंका और पाकिस्तान के आर्थिक हालातों को भी इसमें शामिल किया। वे राज्यसभा में इन पड़ोसी मुल्कों के माध्यम से धब्बे पर ध्यान देते हैं। पीएम ने कहा कि गलत रास्ते पर न पड़ोसी या पड़ोसी मुल्कों सा हाल हो सकता है।
‘अर्थनीति को अनर्थनीति में सम्मिलित कर दिया’
पीएम मोदी ने कहा, ”आज देश में जिन्को आर्थिक दिग्भ्रमित की समझ नहीं है, जो 24 घंटे राजनीति के सिवा कुछ नहीं देखते हैं। सत्ता का खेल खेलना जिनको सार्वजनिक जीवन का काम दिखता है। वे अर्थनीति को अनर्थनीति में जोड़ देते हैं।” उन्होंने कहा कि मैं उन्हें चेतावनी देना चाहता हूं और उनसे कहना चाहता हूं कि कहीं वो गलत रास्ते पर नहीं जाएं।
पीएम ने कहा, “हम अपने पड़ोसी देश का हाल देख रहे हैं। वहां पर क्या हाल हुआ है। अनाप-शनाप कर्ज लेकर किस तरह देश को डुबा दिया गया। आज हमारे देश में लाभ के लिए कुछ कदम राज्य उठा रहे हैं।” भुगतान आने वाली पीढ़ी मेरी…ये फॉर्मूला कुछ राज्यों को अपनाएगा। ये लोग देश को बर्बाद कर देंगे।”
‘देश की आर्थिक सेहत से चरम पर न हों’
पीएम ने आगे कहा, ”कई देश कर्ज के तले दबते जा रहे हैं. आज वे कर्ज देने के लिए तैयार नहीं हैं। राजनीतिक विदेशी हो सकते हैं लेकिन देश की आर्थिक सेहत के साथ चरमपंथी नहीं। आप ऐसा पाप नहीं करते जो आपके बच्चे को अधिकार में ले लिया। आज आप मौज कर लें और बच्चों के नसीब में बर्बादी छोड़कर चले जाएं। ऐसा नहीं करें।”
उन्होंने कहा कि मैंने तो देखा कि एक साइट ने कन्फर्मेशन दिया कि मुझे परेशानी नहीं होगी। 2030-32 के बाद आएगी। क्या कोई देश चलता है क्या? देश की आर्थिक सेहत के लिए राज्यों को अपनी आर्थिक सेहत पर ध्यान देना चाहिए। इसी विकास की यात्रा का लाभ लेंगे। हमें भी सुविधा होगी।”
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