तुर्की भूकंप, ऑपरेशन दोस्त: देखभाल, करुणा और मानवता के कदमों के चलते भारतीय सेना तुर्कियों में ‘ऑपरेशन दोस्त’ चल रहा है। इसका मकसद बहाना को बचाना है। भारतीय सेना के युवा युद्ध स्तर पर राहत-बचाव अभियान में जुटे हैं। कुछ ऐसी तस्वीरें सामने आई हैं, उन तस्वीरों को देखकर मदद मिलती दिख सकती है।
फुरकान नाम के एक नागरिक ने समाचार एजेंसी एनी को बताया, ”मैं वास्तव में उनका (भारतीय राहत सेना) सर्वप्रिय हूं क्योंकि वे पहला समूह हैं जो पहुंचे थे। ऐसा पहली बार है जब मैं भारतीयों के एक समूह से मिला और मैं अपने जज्बातों को ब्यान नहीं कर सकता। मैं उन्हें ‘दोस्त’ कहता हूं लेकिन मैं उन्हें भाई-बहन की तरह देखता हूं।”
भूकंप के झटके से भारतीय सेना की मदद कर रहा है 60 पैरा फील्ड अस्पताल
हटे नामक जगह में एक स्कूल की इमारत में भारतीय सेना का 60 पैरा फील्ड अस्पताल जांच कर रहा है। इसका एक वीडियो सामने आया है, जिसमें भारतीय जवान ऑपरेशन के दोस्त ने लिखा है तिरंगा रेलिंग पर उम्मीदवार दिख रहे हैं। भारतीय सेना का यह अस्थायी अस्पताल गुरुवार (9 फरवरी) से काम कर रहा है, जिसमें सर्जरी और आपातकालीन शब्द भी दिए गए हैं।
#घड़ी | #ऑपरेशनदोस्त तुर्की में जारी है, देश और सीरिया में शक्तिशाली भूकंप आने के कुछ दिनों बाद, जिसमें कम से कम 24,000 लोगों की जान चली गई
हाटे में एक स्कूल भवन का दृश्य जहां भारतीय सेना का 60 पैरा फील्ड अस्पताल लोगों को चिकित्सा सहायता और राहत उपाय प्रदान कर रहा है pic.twitter.com/g8m46B5Efk
– एएनआई (@ANI) 11 फरवरी, 2023
लेफ्टिनेंट कर्नल आदर्श ने ये जानकारी दी है
सैन्य अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल आदर्श ने बताया कि 60 पैरा फील्ड अस्पताल भारतीय सेना के पैरा-ब्रिगेड का एक हिस्सा है। यहां पहुंचने के तुरंत बाद अस्पताल का एक स्कूल का भवन बना दिया गया। इसमें लैब और एक्स-रे की सुविधा है।
शुक्रवार (10 फरवरी) को इस्केंडरन नामक स्थान पर एक अन्य फील्ड अस्पताल ने 106 सड़कों पर इलाज किया। इस बीच, 6.19 टन वजनी 841 कार्टन दवाइयां, सुरक्षा सुरक्षा उपकरण और डायग्नोस्टिक्स भी भारत की ओर से तुर्की और सीरिया भेजे गए।
हटे फील्ड अस्पताल की 99 सदस्यीय टीम में 13 डॉक्टर, रजिस्ट्रार और जनरल सर्जन, ओरल मैक्सिलोफेशियल सर्जन, सामुदायिक चिकित्सा विशेषज्ञ, रसद अधिकारी और तीन चिकित्सा अधिकारी शामिल हैं।
देखभाल, करुणा, मानवता ….#भारतीय सेना #तुर्किये pic.twitter.com/lrsghHDXVt
– एडीजी पीआई – भारतीय सेना (@adgpi) फरवरी 10, 2023
‘ऐसे लोग भी आए थे 3 दिन बाद चर्चा से बाहर हो गए थे’
लेफ्टिनेंट कर्नल आदर्श ने समाचार एजेंसी एनी को बताया, ”हमारे पास ऐसे लोग भी थे जिन्हें 3 दिन बाद बाहर निकाल दिया गया। हमने उन्हें ठीक किया और हर संभव मदद कर रहे हैं। मैंने एक दिन पहले सुबह साढ़े तीन बजे साढ़े तीन घंटे लंबी कठिन सर्जरी की। रोगी की हालत स्थिर है और आज आमीन में तुर्की केयर के लिए रेफर किया गया है।” सैन्य अधिकारियों ने बताया कि शुक्रवार को 350 और आज (शनिवार) सुबह से 200 मरीज हमें मिले।