बाजरा पर ज़ेरोधा के संस्थापक नितिन कामथ: साल 2023 ‘श्री अन्न’ यानी बजरा, मीलों के लादे से लिए बेहद खास है। मोदी सरकार ने बजट 2023 में बजरे के लिए स्पेशल प्लान बनाया है। ऐसे में देश और दुनिया में इसका इस्तेमाल करने के लिए पीएम मोदी (PM Modi) लगातार कोशिश कर रहे हैं. पीएम लोगों को यह ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल के लिए बढ़ावा दे रहे हैं। अब प्रधानमंत्री की इस खबर से नितिन कामत (नितिन कामत) भी जुड़ गए हैं। नितिन कामत ने अपने ट्विटर हैंडल से जानकारी शेयर करते हुए कहा कि मैं भी व्हीट के आंटे और डोसा के बैटर में रागी में मिलाता हूं। यह ज्यादा टेस्टी और हेल्दी होता है। ट्वीट के बाद ट्वीट कर नितिन कामत ने ट्वीट कर कहा, ‘पीएम ने अपनी ख्वाहिश पूरी की है।
नितिन कामत ने कही यह बात
नितिन कामत (ज़ेरोधा के संस्थापक नितिन कामथ) ने रागी की आकांक्षा करते हुए कई पोस्ट लिखे हैं। उन्होंने लिखा कि अपने डेली डाइट में मील्स को शामिल करना बहुत जरूरी है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इसके बारे में लोगों को ज्यादा से ज्यादा जानकारी देने की जरूरत है। हम में से ज्यादातर लोगों को यह पता नहीं है कि बाजरे का उपयोग धरती के लिए भी बहुत अच्छा है क्योंकि यह कम कीटाणु और पानी में तैय्यर होता है। ऐसे में हमें इसके बारे में ज्यादा से ज्यादा बात करने की जरूरत है। इसके बाद पीएम मोदी ने नितिन काम करते हुए लिखा कि हम सभी को अपने जीवन का सबसे बड़ा हिस्सा बनना चाहिए।
इसे पढ़कर अच्छा लगा! आइए हम सब मिलकर श्री अन्न को अपने जीवन का हिस्सा बनाएं। https://t.co/YC5h0o4Bez
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— नरेंद्र मोदी (@narendramodi) 15 फरवरी, 2023
संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2023 को मिलिट्स का अंतर्राष्ट्रीय वर्ष घोषित किया है
संयुक्त राष्ट्र साल 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मिलिट्स वर्ष घोषित किया गया है। इसके साथ ही नितिन कामत ने ट्वीट कर कहा कि भारत में ब्रिटिश राज तक मिलेट्स बहुत लोकप्रिय थे। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि बाजरे की खेती के होश से भी बहुत अच्छा माना जाता है। इसमें कार्बन उत्सर्जन बहुत कम होता है और इसमें कई पोषक तत्व पाए जाते हैं। इसके साथ ही इसके उपयोग से खतरे का खतरा कम होता है।
बजट 2023 में श्री अन्न को लेकर हुआ था ऐलान
बजट 2023 में वित्त मंत्री निर्मल सितारमन (निर्मला सीतारमण) ने मिलेट्स को बढ़ावा देने के लिए ‘श्री अन्न योजना’ की शुरुआत की थी। इसके माध्यम से लोगों और किसानों को श्री अन्न के उत्पादन और यूज के लिए प्रचार किया जाएगा। सरकार का लक्ष्य है कि इसके जरिए भारत को दुनिया के श्री अन्न का हब बनाया जाएगा।
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