आरबीआई पेमेंट एग्रीगेटर लाइसेंस: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से देश में ऑनलाइन आवेदन (ऑनलाइन भुगतान) को लेकर बड़ी खबर आ रही है। बैंक ने बुधवार को जानकारी देते हुए कहा कि देश में 32 मौजूदा मौजूदा कृषि ग्राहियों को ऑनलाइन एप्लीकेंट एग्रीगेटर (ऑनलाइन पेमेंट एग्रीगेटर्स) के रूप में काम करने की पुरातनपंथी मान्यता दी गई है। इससे देश में ऑनलाइन पैसा आवंटन करने के लिए जनता के पास कई तरह के विकल्प बाजार में उपलब्ध हो जाएंगे। जानिए इससे जुड़ी पूरी जानकारी क्या है।
इन्हें मिली पुरातनवाद
RBI ने जानकारी में कहा है कि जिन एग्रीगेटर्स (पेमेंट एग्रीगेटर्स-PA) को पुराने रूप से स्वीकृत किया गया है, उनमें से अमेज़ॅन (पे) इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (Amazon Pay India Private Limited), Google इंडिया डिजिटल डिजिटल प्राइवेट लिमिटेड (Google India Digital) सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड), इंफीबीम एवेन्यूज लिमिटेड (इंफीबीम एवेन्यूज लिमिटेड), रिलांयस पार्टनर्स लिमिटेड (रिलायंस पेमेंट सॉल्यूशंस लिमिटेड) और जोमैटो मालिकाना हक प्राइवेट लिमिटेड (जोमैटो पेमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड) शामिल हैं। रिजर्व बैंक ने यह भी कहा कि अभी तक 18 और मौजूदा एप्लाइड एग्रीगेटर्स के लिए आवेदन की प्रक्रिया चल रही है। जल्द ही उन्हें भी मंजरी दी जा सकती है।
आरबीआई ने ट्विटर पर दी जानकारी
भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 के तहत प्राप्त ऑनलाइन भुगतान एग्रीगेटर्स के आवेदन – स्थितिhttps://t.co/xrMSKdHy6j
– रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (@RBI) 15 फरवरी, 2023
सब्सक्राइबर्स ने इस बात की जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर शेयर की है। आरबीआई ने अपने आधिकारिक ट्विटर से बताया है कि पात्रता और निपटान प्रणाली अधिनियम 2007 के अंतर्गत ऑनलाइन भुगतान प्राप्त करने वाले एग्रीगेटर्स के आवेदन की स्थिति क्या है। Cred, Razorpay और PhonePe सहित कम से कम 185 फिनटेक फर्मों ने एग्रीगेटर्स लाइसेंस के लिए आवेदन प्रस्तुत किए थे।
आवेदन के लिए सींक समय
स्मार्ट कार्ड की ओर आवेदन की तिथि निर्धारित की जा चुकी है। आरबीआई ने 17 मार्च 2020 और 31 मार्च 2021 को एग्रीगेटर्स को अपने कब्जे में लेने और खुद के व्यवहार के नियमन के लिए दिशा-निर्देश जारी किए थे। नए ग्रुप के अनुसार, 17 मार्च 2020 तक सभी ऑनलाइन गैर-बैंक खाते एग्रीगेटर्स (पीए) को दावे और निपटान प्रणाली अधिनियम 2007 के तहत अनुमति लेने के लिए 30 सितंबर 2021 से पहले अपना आवेदन जमा करना था। लेकिन बाद में आरबीआई ने आवेदन जमा करने की आखिरी तारीख को 1 साल तक बढ़ाकर 30 सिंतबर 2022 कर दिया था। तब रजिस्ट्रार ने कहा है कि जब तक कोई संस्था दायित्व और सेटलमेंट सिस्टम एक्ट की धारा-7 के तहत मंजूरी हासिल नहीं करता है, तब तक उसे पुरातनपंथी मान को वैध नहीं माना जाएगा।
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