आयकर सर्वेक्षण: कानूनी विभाग ने बीबीसी के दिल्ली और मुंबई में स्थित सर्वे किया है। इस सर्वेक्षण को लेकर देश विदेश में व्यूहरचना चल रही है। इस बीच, केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने गुरुवार को बीबीसी के अधीन आवेदक दायित्व को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी। वे बीबीसी विज्ञापनों को लेकर हो रहे सर्वेक्षण को आलोचना करने वालों पर लक्षित होते हुए कहते हैं कि कुछ लोग विदेशी समाचार संस्थानों पर भरोसा करते हैं, लेकिन भारतीय जांच चौकों पर नहीं।
भारत में बीबीसी के अनुमान में दस्तावेज़ सर्वेक्षण को साझा करने वाले प्रसार भारती के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी शशि शेखर वेम्पति की राय को ट्विटर पर शेयर करते हुए रिजू ने कहा, ‘उम्मीद के समरूप, ईको-सिस्टम नाराज हो गया।’
वही इको-सिस्टम भड़क गया- रिजीजू
उन्होंने ट्वीट किया, “उम्मीद के मुताबिक एक ही इको-सिस्टम भड़क गया! ये लोग विदेशी समाचार की गारंटी देते हैं, लेकिन भारतीय गारंटी की गारंटी नहीं देंगे। वे बीबीसी के शपथ खाते हैं, लेकिन वे भारतीय न्यायालयों पर विश्वास नहीं करेंगे। अगर बीबीसी के लिए मुकदमा पारित होगा तो वे सुप्रीम कोर्ट को भी गाली देंगे।” पिछले दो दिनों में, भारत के दस्तावेज़ अधिकारियों ने टैक्स मामलों की कथित जांच के तहत दिल्ली और मुंबई में बीबीसी के अधीन सर्वेक्षण अभियान चलाया।
उम्मीद के मुताबिक वही इको-सिस्टम भड़क गया! ये लोग विदेशी समाचार एजेंसियों पर भरोसा करते हैं लेकिन भारतीय एजेंसियों पर भरोसा नहीं करेंगे। वे बीबीसी की कसम खाते हैं लेकिन वे भारतीय न्यायालयों पर विश्वास नहीं करेंगे। यदि एक प्रतिकूल निर्णय पारित किया जाता है तो वे सर्वोच्च न्यायालय को भी गाली देंगे।https://t.co/SVUXwmqKRw
– किरेन रिजिजू (@ किरेनरिजिजू) फरवरी 16, 2023
मंगलवार को सर्वे शुरू हुआ
उसी समय, बीबीसी के अधीन जाली विभाग का ‘सर्वे ऑपरेशन’ गुरुवार को लगातार तीसरे दिन भी जारी किया जा रहा था। इस दौरान अधिकारियों ने कुछ चुनिंदा कर्मचारियों के वित्तीय डेटा समेकन और समाचार संगठन के इलेक्ट्रॉनिक और पेपर फिंगर्स की फ्रीक्वेंसी तैयार की। बीबीसी के दिल्ली और मुंबई स्थित में मंगलवार को सुबह करीब साढ़े 11 बजे सर्वे शुरू किया गया था और इसे 55 घंटे से अधिक हो चुके हैं।
स्टॉक की एक लिस्ट बनाई गई
सर्वेक्षण के समाप्त होने की बात स्पष्ट नहीं है। पीटीआई-भाषा के अनुसार टैक्स अधिकारियों ने स्टॉक की एक सूची तैयार की है, कुछ कर्मचारियों के बयान दर्ज किए गए हैं और सर्वेक्षण कार्रवाई के तहत कुछ दस्तावेज़ ज़ब्त किए गए हैं। शेयरधारकों ने बुधवार को कहा था कि यह प्रक्रिया कुछ और समय तक जारी रहेगी। उन्होंने कहा था, “ऑपरेशन जब पूरा होगा, यह लैंडस्केप पर मौजूद हिस्सों पर टिका रहता है।”
सर्वे टीम ने विवरण पर जवाब मांगा
अधिकारियों ने कहा कि यह अंतरराष्ट्रीय सर्वेक्षण कराधान और बीबीसी की सहायक प्राधिकरण के ”ट्रांसफर प्राइसिंग” से संबंधित मुद्दों की जांच के लिए जा रहा है। उन्होंने कहा था कि सर्वे टीम फाइनेंशियल लेन-डेन, कंपनी स्ट्रक्चर्स और समाचार कंपनी के बारे में अन्य विवरण पर जवाब मांग रहे हैं और सबूत लेने के लिए इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के रिकॉर्ड की तरह बना रहे हैं। वहीं, विपक्षी दलों ने बीबीसी के ख़िलाफ़ अवैध विभाग कार्रवाई की निंदा करते हुए इसे राजनीतिक प्रतिशोध बताया है।
बता दें कि बीबीसी ने पिछले दिनों दो-भाग वाली डॉक्यूमेंट्री ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ प्रसारित करने के कुछ हफ्ते बाद प्रसारित होने के बाद यह और कार्रवाई हुई। इस सर्वे को लेकर बीजेपी और विरोधी दलों के बीच कड़ी राजनीतिक बहस शुरू हो गई है। यह कार्रवाई जिस समय की गई है, उसके संबंध में आरोप लगाए गए हैं, जबकि बीजेपी बीजेपी ने बीबीसी पर भारत के खिलाफ ”जहरीली आरोप” लगाने का आरोप लगाया है।
दिल्ली में बीबीसी के एक कर्मचारी ने कहा कि वे सामान्य रूप से समाचार प्रसारित कर रहे हैं।
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