उद्धव ठाकरे बनाम एकनाथ शिंदे: चुनाव आयोग ने शुक्रवार (17 फरवरी) को आकाशवाणी ठाकरे को झटका दिया जिससे महाराष्ट्र के नम्बर आए एकनाथ शिंदे के गुट को बीजेपी का नाम और चुनाव चिह्न एरो-धनुष ने दिया। यानी मूल बीजेपी अब शिंदे के पास चली गई है..
चुनाव आयोग ने बताया कि उसने शिंदे गुट के पक्ष में फैसला विधानसभा में कुल 67 लाख से 40 एमएलए के समर्थन के कारण पास होने के कारण दिया है। वहीं संसद में भी शिंदे गुट के पास अधिक सांसद हैं। आयोग ने कहा कि 13 सांसद शिंदे गुट के साथ हैं, तो वहीं 7 विधायक ठाकरे के साथ।
आयोग ने कहा कि वर्ष 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बीजेपी के 55 विजयी देशों से एकनाथ शिंदे का समर्थन करने वाले लगभग 76 प्रतिशत पर पड़े हैं। महाराष्ट्र में 2019 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के विजयी ग्रामीणों के पक्ष में मिले मतों से 23.5 प्रतिशत मत मत अटकाकर जाने को मिले थे।
‘विचारों की जीत है’
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने पहली प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बालासाहेब ठाकरे के विचार की जीत है। शिंदे पहले भी दावा करते हैं कि वो बालासाहेब ठाकरे के मूल बेरोजगार हैं। यह लोकतंत्र और हमारे समझौतों की जीत है। शिंदे ग्रुप के प्रवक्ता अजय बोरसते ने कहा कि सत्य परेशान हो सकता है, लेकिन पराजीत नहीं। इलेक्शन कमीशन ने सही फैसला लिया है।
संजय राउत ने क्या कहा?
संजय राउत ने कहा कि हम नया ब्रांड लेकर जाएंगे। जनता के दरबार में फिर एक नया शिव सेना देखकर दिखाएंगे। ये लोकतंत्र की हत्या है। कानून की लड़ाई भी लड़ेंगे। इस सरकार ने करोड़ों रुपये पानी की तरह बहाया है वो पानी जहां तक पहुंच रहा है ये दिख रहा है। हमें फिक्र करने की कोई पहचान नहीं है क्योंकि लोग हमारे साथ हैं।
बता दें कि ठाकरे से अलग एकनाथ शिंदे ने बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाई। शिंदे खुद के राज्य के नंबर बन गए। इसके बाद से मूल बीजेपी लेकर को ब्रॉडबैंड ग्रुप और शिंदे ग्रुप के बीच लड़ाई चल रही थी।
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