ओडिशा में लिंगराज मंदिर: महाशिवरात्रि (महाशिवरात्रि) के स्थलों पर ओडिशा के भुवनेश्वर (भुवनेश्वर) के लिंगराज मंदिर (लिंगराज मंदिर) में शनिवार (18 फरवरी) की रात महादीपा (महादीपा) को लगाया गया जिसके बाद श्रद्धालुओं ने अपना उपवास तोड़ा। मंदिर के पुजारियों ने त्योहार के महत्व के बारे में दावा करते हुए कहा, मंदिर में महादीपा को रखने के बाद ही भक्त अपना उपवास तोड़ते हैं।
पुजारियों ने समाचार एजेंसी एनी को बताया, इस साल महादीप उभरने में करीब तीन घंटे की देरी हुई है जिसके कारण देनदारों से सब्र बनाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, ये एक बेहद खास मंदिर है। मानयता है कि जो कोई भी भक्त व्रत यहां दीया जलाता है, उसका हर मनुकामाना भगवान शिव संपूर्ण करते हैं।
भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था- श्रद्धालु
एक अनुयायी ने बताया, महादीप उदय की क्रिया बहुत प्रसिद्ध व्यक्तियों द्वारा देखी जाती है। कोई भी भक्त-श्रद्धालु अपना व्रत तब तक नहीं तोड़ता जब तक मंदिर के शीर्ष पर महादीप नहीं रखा जाता। एक अन्य श्रद्धालु ने बताया, आज के दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था। आज के दिन हर श्रद्धालु एक विवाह कार्यक्रम की तरह मनाते हैं। जंगल के दिए जलाए जाते हैं, मंदिर के ऊपर महादीप रखा जाता है और सभी भक्त तब तक व्रत रखते हैं जब तक सभी व्रत पूरे ना हो जाएं।
महाशिवरात्रि: भुवनेश्वर में लिंगराज मंदिर से उठाई गई ‘महादीपा’
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– एएनआई डिजिटल (@ani_digital) फरवरी 19, 2023
केवल ओड़िया में होती ये क्रिया… – संबंधित
एक और साथी ने बताया, हम सबने व्रत रखते हैं और महादीप की पूजा के बाद ही तोड़ेगे। उन्होंने कहा, ये अनुष्ठान केवल ओडिशा में देखा जाता है और किसी अन्य राज्य में नहीं।
विशेष में मनाया जाने वाला महाशिवरात्रि का पर्व
इस में महाशिवरात्रि का पर्व अत्यंत हर्ष-उल्लास के साथ मनाया गया। दिनभर शिव मंदिरों में ग्राहकों की भारी भीड़ देखने को मिली। हर हर महादेव से लकेर जय शिवशंकर के जयकारों से शिवालय गूंज उठे।
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