महंगा हुआ एक्सिस बैंक का कर्ज रिजर्व बैंक के रेपो रेट (RBI रेपो रेट) में इंश्योरेंस के बाद से ही बैंकों के लोन का पैकेज इजाफे का चिल जारी है। अब इस लिस्ट में कोटक महिंद्रा बैंक (कोटक महिंद्रा बैंक) के बाद एक और बड़े प्राइवेट बैंक का नाम शामिल हो गया है। यह बैंक है एक्सिस बैंक (Axis Bank)। बैंक ने अपनी मार्जिनल कोस्ट ऑफ लेंडिंग रेट्स (मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेज़) में इसका फैसला क्या है। नया दृष्टिकोण 19 फरवरी, 2023 से लागू भी हो गए हैं। आइए जानते हैं कि अब ग्राहकों पर बेरोजगारी का बोझ (EMI Hike) कितना बढ़ रहा है।
एक्सिस बैंक ने कितना एमसीएलआर-
बड़े प्राइवेट सेक्टर के बैंक एक्सिस बैंक ने अपने एमसीएलआर में पूरे 10 बेसिस पॉइंट्स की वजह की है। ऐसे में अब ग्राहकों पर ईएमआई का बोझ बढ़ता जा रहा है। इस तेजी के बाद बैंक का ओवरनाइट एमसीएलआर अब 8.60 फीसदी से बढ़कर 8.70 फीसदी तक पहुंच गया है। वहीं 3 महीने का एमसीएलआर 8.70 से बढ़कर 8.80 फीसदी पर पहुंच गया है। वहीं 6 महीने का एमएल 8.75 प्रतिशत से लेकर 8.85 प्रतिशत तक पहुंच गया है। वहीं बैंक का एक साल के लोन का MCLR अब 8.80 फीसदी से बढ़कर 8.90 फीसदी तक पहुंच गया है. वहीं 2 और 3 साल का एमएल एचडी 8.90 सेंट और 8.95 प्रतिशत से लेकर 9.00 प्रतिशत और 9.05 प्रतिशत तक पहुंच गया है।
ग्राहक पर क्या असर होता है?
इस प्रतिशत के बाद अब होम लोन (होम लोन), कार लोन (कार लोन), एजुकेशन लोन (एजुकेशन लोन), पर्सनल लोन (पर्सनल लोन) आदि का ब्याज दर बढ़ गया है। ऐसे में अब ग्राहकों पर लोन की वित्तीय बोझ बढ़ रहा है। कर्जदार है कि मार्जिनल कोस्ट ऑफ लेंडिंग रेट्स (MCLR) वह न्यूनतम दर है जिस पर बैंक आपके ग्राहकों को लोन ऑफर करता है। रिजर्व बैंक ने साल 2016 में एमसीएलआर की शुरुआत की थी। अगर कोई बैंक एमसीएलआर में डूब जाता है तो ऐसे में लोन के विजन में खुद का खुद का बकाया जुड़ जाएगा।
कोटक महिंदा बैंक ने भी सींक किया MCLR-
एक्सिस बैंक से पहले कोटक महिंदा बैंक ने भी अपने एमसीएलआर में धोखा देने का फैसला किया है। बैंक ने आपके एमसीएलआर में 5 बेसिस प्वाइंट्स की वजह बताई है। नया फोकस 16 फरवरी, 2023 को लागू हो गया है। इस इजाफे के बाद बैंक का ओवरनाइट एमसी 8.20 फीसदी, 1 महीने का एमएलसीआर 8.54 फीसदी, 3 महीने का एमसीएलआर 8.60 फीसदी, 6 महीने का एमसीएलआर 8.80 फीसदी, 1 साल का एमसीएलआर 9.00 फीसदी, 2 साल का एमसीएलआर 9.05 फीसदी और 3 साल का एमसीएलआर बढ़ा। एमसी बढ़ा 9.20 प्रतिशत तक पहुंच गया है।
क्यों तय हो रहे हैं लोन?
केंद्रीय रिजर्व बैंक देश में व्याप्त त्रुटियों को कंट्रोल करने के लिए लगातार कदम उठा रहा है। 8 फरवरी को रिजर्व बैंक ने रेपोर्ट रेट में 25 बेसिस प्वाइंट्स की कमी की थी और यह बढ़कर 6.50 फीसदी तक पहुंच गया है। इस निश्चितता के बाद से ही कई किशोरों ने लगातार अपने लोन और एफडी के बेजेज में इजाफे का फैसला किया है। इसमें देश के सबसे बड़े सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक State Bank of India का नाम भी शामिल है। 15 फरवरी से फ्रीज की नई स्थिति लागू हो गई है। इसके अलावा बैंक ऑफ बड़ौदा और पंजाब नेशनल बैंक ने भी लोन का ब्याज दिया है।
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