<पी शैली ="टेक्स्ट-एलाइन: जस्टिफ़ाई करें;"जीडीपी डेटा: वित्त वर्ष 2022-23 की तीसरी तिमाही अक्टूबर से दिसंबर के दौरान आर्थिक विकास दर (आर्थिक विकास दर) 4.6 प्रतिशत जीवन अनुमान है। इंडियन स्टेट बैंक (स्टेट बैंक ऑफ इंडिया) के ग्रुप चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर सौम्या कांति घोष ने कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 में भारत का क्रेच 7 प्रतिशत रह सकता है जो पहले 6.8 प्रतिशत का रहने का अनुमान लगाया था।
सौम्या कांति घोष ने कहा कि पूरे वित्त वर्ष के लिए 6.8 प्रतिशत पहले के अनुमान से ज्यादा 7 प्रतिशत रह सकते हैं। उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि सरकार वित्त वर्ष 2019-20, वित्त वर्ष 2020-21 और 2021-22 के आंकड़ों के आंकड़ों की समीक्षा कर सकती है। साथ ही साथ मौजूदा वित्त वर्ष के पहले और दूसरे तिमाही के रैंकिंग आंकड़ों की भी समीक्षा होगी जिसके कारण खाते का मौजूदा वित्त वर्ष में बढ़ सकता है।
इससे पहले इंडिया रेटिंग्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि 2023-24 में भारत का फोकस केवल 5.9 प्रतिशत रह सकता है जो सभी अनुमानों के लिए बहुत कम है। हालांकि इंडिया रेटिंग्स ने कहा है कि सरकार के कैपिटल एक्सपेंडिचर के लिए बढ़ाए गए बजट से लेकर बोझ के कर्ज में कमी, एनपीए में गिरावट से लेकर पीएलआई वाले और कुछ के डैम में गिरावट भारतीय उद्योग के लिए सकारात्मक है। हालांकि ये 2023-24 में 6 प्रतिशत के पार ले जाने के लिए काफी नहीं है।
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