भारतीय शेयर बाजार (स्टॉक मार्केट) में कारोबार का समय (ट्रेड टाइमिंग) बढ़ाने की तैयारी चल रही है। खबरों के मुताबिक, ट्रेडिंग टाइम को शाम 5 बजे तक बढ़ाया जा सकता है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने मंगलवार को एक बिजनेस चैनल के बारे में यह खबर दी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि ट्रेडिंग का समय बढ़ाने के लिए बाज़ार के साथ शुरुआती बातचीत चल रही है। इससे पहले मार्केट सेबी (सेबी) ने 2018 में ट्रेडिंग एवरेजिंग बढ़ाने के लिए फ्रेमवर्क जारी किया था।
मौजूदा वक्त में, शेयर बाजार पर सुबह 9 बजकर 15 मिनट से दोपहर 3 बजकर 30 मिनट तक कारोबार होता है। शेयर बाजार पर कैश और फ्रैंचाइजी और सुझाव में सुबह 9 बजे से 15 मिनट से दोपहर 3 बजे तक 30 मिनट तक कारोबार होता है।
स्टॉक एक्सचेंज के इक्विटी और डेरिवेटिव मौजूदा मौजूदा समय में सुबह 9:15 बजे से दोपहर 3:30 बजे के बीच कारोबार के लिए खुले होते हैं। सेबी की ओर से एक रूपरेखा पहले ही तैयार की गई थी, जो F&O ट्रेडिंग की रात 11:55 बजे तक और शेयर की ट्रेडिंग को शाम 5 बजे तक खुलासे की अनुमति देता है।
देश का सबसे बड़ा स्टॉक परिवर्तन राष्ट्रीय स्टॉक परिवर्तन (NSE) संगठन में संगठन घंटे बढ़ाना चाहता है। यह पहली बार नहीं है जब ट्रेडिंग का समय बढ़ाने की चर्चा चल रही है।
पिछले महीने सेबी ने एक एसओपी जारी की थी और शेयर बाजारों ने कहा था कि ट्रेडिंग में किसी प्रकार की रुकावट आने पर सभी संबंधित पक्षों को 15 शिकायतों के बारे में सूचित किया जाना चाहिए। इसके अलावा सेबी ने कुछ साइट में ट्रेडिंग की अवधि को बढ़ाने के बारे में भी निर्देश दिया था।
सेबी का कहना है, अगर किसी तकनीकी कारण या किसी अन्य कारण से शेयर बाजार पर ट्रेडिंग में रुकावट आती है, तो बस यही जरूरी नहीं है कि सभी बाजार को उसके बारे में सूचित करें, बल्कि जरूरत के हिसाब से ट्रेडिंग के समय को भी सींक करें जा सकता है। इससे इंट्राडे पोजीशन्स को लाइवेटा के साथ डील का अवसर मिलेगा।
हालांकि हर कोई ट्रेडिंग के घंटे को बढ़ाने के पक्ष में नहीं है। जीरोधा के सीईओ नितिन कामथ ने इस बारे में ट्विटर पर प्रतिक्रिया दी। उनका मानना है कि इस जजमेंट से ट्रेडर्स के ऊपर की आशंका प्रभावित हो सकती है। उन्होंने कहा, इस फैसले से कम भागीदारी और लंबे समय तक जिओ की समस्या सामने आ सकती है। इसके साथ ही ट्रेडिंग से अन्य ट्रेडर्स के जीवन पर भी इसका बुरा प्रभाव पड़ सकता है।