निवेश प्रमाण की समय सीमा: संजय एक प्राइवेट कंपनी में काम करते हैं। जनवरी महीने में उनकी सैलरी (वेतन) अन्य महीनों की तुलना में कम आई। परेशान संजय जब एचआर (एचआर) से बात करने गए, तब उन्होंने अपना अपराध किया। दरअसल संजय ने ईमेल को चेक करने में एक जैसे थे और इसी वजह से उनसे गलती हो गई थी। एचआर ने उन्हें निवेश का प्रमाण (आयकर निवेश प्रमाण) जमा के लिए रिमाइंडर भेजा था। अब इसी वजह से जनवरी महीने की सैलरी से ज्यादा टीडीएस (TDS) कट गया।
आपकी भी सैलरी कट रही है?
संजय की तरह लाखों लोग ऐसी गलती करते हैं और बाद में पछताते हैं। अगर आपसे भी ऐसी गलती हुई है और हर महीने टैक्स काट रहा है, तो परेशान न हों। निवेश प्रूफ जमा की डेडलाइन स्टेटमेंट जाने के बाद भी आप टैक्स बचा सकते हैं। हालांकि इसके लिए आपको कुछ महीनों का इंतजार रहेगा और अगले दो महीने से आपकी सैलरी में कटौती होगी।
इस कारण टैक्स काट रहा है
चूक के बाद भी टैक्स बचाने के तरीके को जानने से पहले कुछ बुनियादी बातें जान लेते हैं। अभी हर करदाता को टैक्स भरने के लिए नई कर व्यवस्था और पुरानी कर व्यवस्था के रूप में दो विकल्प मिलते हैं। अभी, करोड़ रुपये की कमाई पर कोई टैक्स नहीं है। अगर आप इससे ज्यादा प्रभावित हैं तो भी आप टैक्स बचा सकते हैं। सैलरीड व्यक्ति को निवेश के बारे में जानकारी देने के लिए फॉर्म 12BB खाताधारक है। ऐसा करके आप एक सीमा तक इनकम टैक्स मुक्त कर सकते हैं। अगर आप निवेश प्रूफ सागर नहीं घुसते हैं तो सैलरी से ज्यादा टीडीएस (उच्च टीडीएस) कटने लगता है।
हर किसी के लिए जरूरी नहीं है ये काम
सभी करदाताओं के मन में यह सवाल उठता है कि क्या हर किसी के लिए निवेश के दस्तावेज जमा करने की जिम्मेदारी है? इस सवाल का जवाब नहीं है। यदि आप छूट एवं शॉट वाली पुरानी कर व्यवस्था को चुनते हैं, तभी आपको टैक्स सेविंग निवेश प्रमाण जमाखोरी होती है। नई कर व्यवस्था को धारणाओं को ये दस्तावेज़ जमा करने की आवश्यकता नहीं होती है, क्योंकि इस व्यवस्था में ऐसी छूटों का लाभ नहीं मिलता है।
टैक्स अधिकारी प्रमुख उपाय
जब निवेश की बात सामने आती है तो सबसे पहले दिमाग में 80सी का चक्कर है। इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के लदान लाख रुपए तक के निवेश पर टैक्स से छूट है। यह निवेश लाइफ इंश्योरेंस, पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (पीपीएफ), इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ईएलएसएस), यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान (यूलिप), सुकन्या समृद्धि योजना (एसएसवाई), टैक्स सेविंग एफडी, नेशनल सेविंग लेटर (एनएससी) आदि में किया जा सकता है। है। आपके हिस्से का ईपीएफ कंट्रीब्यूशन, चिल्ड्रन स्कूल इंश्योरेंस, होम लोन का मूल धन, पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट और होम राइड पर स्टॉम्प ड्यूटी एवं रजिस्ट्रेशन चार्ज भी इसमें शामिल है। आप उनके संबंध में अपने ऑफिस में टाइप करते हैं, तब सैलरी से टीडीएस नहीं कटता है।
वहीं, धारा 80CCD के तहत राष्ट्रीय पेंशन खाता (NPS) में निवेश किया जा सकता है। एनपीएस में 50,000 रुपये तक के निवेश को टैक्स से छूट प्राप्त है। धारा 80डी के तहत एकमुश्त बीमा प्रीमियम पर डिडक्शन मिलता है। इसके अलावा, लीव ट्रेवल अलाउंस, हायर एजुकेशन और इलेक्ट्रिक व्हीकल के लिए लोन के व्याज पर भी टैक्स में छूट मिलती है।
सेक्शन 24 (b) के तहत होम लोन के लक्ष्य पर 2 लाख रुपये तक का टैक्स डिडक्शन मिलता है। इस छूट का लाभ लेने के लिए आपको बैंक या आवासहीन कंपनी से ब्याज लेना होता है। इसमें प्रमुख अमाउंट और व्याज दोनों का जिक्र होता है।
टैक्स बचा सकता है घर का किराया
वहीं किराऐ के घर में रहने वाले वेतनभोगी लोग एचआरए क्लेम कर सकते हैं। इसके लिए कर्मचारियों को किराए की रसीद, रेंट एग्रीमेंट और मकान मालिक के खाते का प्रमाण पत्र जारी करने के प्रमाण दिए गए हैं। अगर रेटिंग हायर एक लाख रुपये से ज्यादा है तो मकान मालिक का पैन कार्ड लगता है। 5,000 रुपये से ज्यादा का हायर कैश देने पर हैक की रसीद पर रेवेन्यू स्टैम्प लगता है। ये सभी प्रूफ़ जमा पर कुल टैक्सेबल आय से HRA की राशि घटाई जाती है।
गलती करने वालों के लिए अब ये मौका
इन सभी निवेश और छूट की गणना के बाद टैक्स साहचर्य बनता है। अगर आप इन दस्तावेजों को समय सीमा के अंदर जमा नहीं करते हैं तो हर महीने टैक्स कटने लगता है, यानी वित्तीय वर्ष के बाकी बचे महीनों में आपकी सैलरी ज्यादा कटेगी। ऐसी स्थिति में आप आयकर रिटर्न भरते समय निवेश प्रमाण जमा कर सकते हैं और रिफंड क्लेम कर सकते हैं। कुछ ऐसे भी लोग हैं, जिन्होंने अभी तक निवेश नहीं किया होगा। ऐसे लोग भी 31 मार्च तक निवेश कर टैक्स बचा सकते हैं।