यूरोपीय संघ के साथ भारत मुक्त व्यापार समझौता: भारत और यूरोपीय संघ (यूरोपीय संघ) के बीच व्यापार बढ़ाने के लिए मुक्त व्यापार समझौते (मुक्त व्यापार समझौते) को लेकर बातचीत शुरू हो गई है। अब इस मामले में केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को एक अहम बयान दिया है। उन्होंने कहा कि इस समझौते में अभी तक सब कुछ नज़र आता है क्योंकि ईयू 27 देशों का समूह है। ऐसे में सभी देशों से बातचीत करने के लिए ज्यादा समय की जरूरत होती है। इसके साथ ही उन्होंने जानकारी दी कि वर्तमान भारत यूरोपीय संघ के दो से तीन देशों से सक्रिय रूप से बातचीत कर रहा है और उन्हें उम्मीद है कि इससे जल्द ही अच्छे परिणाम मिलेंगे।
27 देशों से बातचीत होगी
पीयूष गोयल ने यूरोपियन यूनियन के साथ मुक्त व्यापार समझौते पर कहा कि यूरोपीय संघ से किसी भी तरह की सहमति बनाने के लिए ज्यादा समय लगता है क्योंकि इसमें कुल 27 देशों के साथ बातचीत करनी पड़ती है। इससे पहले साल 2022 में भारत ने ऑस्ट्रेलिया और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के साथ मुक्त व्यापार कृषि पर हस्ताक्षर किए थे। इसके साथ ही भारत अभी इजरायल, कनाडा और ब्रिटेन के साथ भी एफटीए के लिए बातचीत कर रहा है।
मुक्त व्यापार समझौता क्या होता है?
अटैचमेंट है कि मुक्त व्यापार समझौता दो या फिर इससे ज्यादा देशों के बीच होता है। यह व्यापार संबंधों को मजबूत बनाने के लिए उत्पादों और सेवाओं के आयात और फर्मवेयर में रुकावटों को दूर करने का एक समझौता है। इससे व्यापार करने वाले दोनों ही देशों को नुकसान होता है। इसके जरिए देश एक दूसरे के उत्पादों पर कोटा, टैरिफ, सब्सिडी या फिर प्रतिबंध आदि को कम या ज्यादा करने पर फैसला लेते हैं। इससे व्यापार के लिए विरासत प्रदान करना आसानी से होता है और देशों के बीच व्यापार बढ़ता जा रहा है। इससे संबंधित देशों के बीच मुक्त व्यापार की अनुमति मिलती है।
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