एमफैसिस ऑनबोर्डिंग विलंब: आप फ्रेशर हों अपनी पहली ड्रीम जॉब (IT Freshers Job) शुरू करने के लिए तैयार हों। आपको किसी टॉप कंपनी से शेयर कर दिया गया है और अब आप निश्चिन्त हैं कि आपका करियर फिटनेस पकड़ने वाला है। आप ज्वॉयनिंग का इंतजार करते रहते हैं और कंपनी की तरफ से आपको कॉल नहीं किया जाता है। सोचने पर लग जाता है कि ऐसा कुछ भी होता है, लेकिन प्रत्यक्ष में ऐसा कई लोगों के साथ हो रहा है। अफसोस की बात है कि इस तरह के अनुभव से कई फ्रेशर्स दो-चार हो रहे हैं और आईटी कंपनियां हायरिंग (आईटी कंपनियां हायरिंग) से एक एम्फैसिस (एमफेसिस हायरिंग) के साथ भी इसका संबंध है।
सोशल मीडिया पर लिख रहे हैं Freshers
एमफैसिस ने कुछ समय पहले कई आईटी फ्रेशर्स को हायर किया था। अब कंपनी की ओर से कहा जा रहा है कि हायर किए गए फ्रेशर्स की ऑनबोर्डिंग (आईटी फ्रेशर्स ऑनबोर्डिंग) में कुछ देरी हो रही है। वहीं दूसरी ओर फ्रेशर्स को इस बात का डर सता रहा है कि कहीं भी उनका यह काम ही हाथ से न निकल जाए, क्योंकि डिजायर लेटर (ऑफर लेटर) के एक्सपायर होने का समय निकट आ रहा है। कई लोगों ने रेडियो सहित विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपना अनुभव साझा किया है।
इसे ट्वीटर देखें
लोगों का आरोप है कि उन्हें एमफैसिस से जो ऑफर लेटर मिला है, वह एक्सपायर होने के करीब है। ऐसा समय हो रहा है, जबकि पहले कई आईटी कंपनियां या हायरिंग ही करने में देरी कर रही हैं या नहीं कर रही हैं। तौहीद नाम के एक व्यक्ति ने ट्वीट करते हुए माफ़ी मांगी, जो लेटर ऑफ इंटेंट (आशय पत्र / एलओआई) दिया गया है, जिसमें जून 2022 से मार्च 2023 की टाइमलाइन है। अब बमुश्किल दो महीने बचे हैं। हमें ऑनबोर्डिंग के बारे में कोई जानकारी नहीं दें।
अगले दो महीने में हो रहे हैं एक्सपायर
इसी तरह एक अन्य यूजर ने बताया कि उसे अक्टूबर 2021 में कंपनी से इंटेंट का लेटर मिला था। उसे कंपनी ने ज्वॉयनिंग के लिए एक साल से ज्यादा की वेटिंग दी थी। अब सवा साल से ज्यादा होने को आ गए हैं, लेकिन उसका ज्वॉयन नहीं घोषित किया गया है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि कंपनी ने साल 2021 के अंत में फ्रेशर्स को ट्रेनी एसोसिएट सॉफ्टवेयर इंजीनियर पद के लिए ऑफर लेटर दिए थे, जो मार्च 2023 यानी अगले महीने एक्सपायर हो रहे हैं। इसी तरह के एसोसिएट सॉफ्टवेयर इंजीनियर पोस्ट के लिए कई लोगों को 2021 में जो ऑफर लेटर दिए गए थे, वे इस साल अप्रैल में एक्सपायर हो रहे हैं।
ये कंपनियां भी कर चुकी हैं देरी
आपको बता दें कि पूरी दुनिया में इसका सेक्टर इन दिनों जाम से जूझ रहा है। यह भारतीय आईटी प्राधिकरण पर भी कार्य कर रहा है। इससे पहले टीसीएस (टीसीएस), इंफोसिस (इंफोसिस), विप्रो (विप्रो), टेक महिंदा (टेक महिंद्रा), कैपजेमिनी (कैपजेमिनी) और एसेंचर (एक्सेंचर) जैसे आईटी प्राधिकरण के द्वारा भी ज्वॉयनिंग में देरी के मामले सामने आ चुके हैं। इंडस्ट्री से जुड़े लोगों का दावा है कि पूरे आईटी सेक्टर में ही भरतियों का माहौल एकदम ठंडा पड़ गया है।