आईओए कानूनी टीम: भारतीय ओलंपिक संघ (भारतीय ओलंपिक संघ) के नए अधिकारियों ने पेशेवर तरीके से न्यायिक मामलों से निपटने के लिए एक समर्पित कानूनी टीम (कानूनी टीम) बनाई है। दरअसल, देश के नोडल खेल निकायों के दिन-प्रतिदिन के कामकाज में कानूनी गड़बड़ी बाधा बन रही है। साथ ही नुकसान के कल्याण और उनके अन्य कार्य प्रभावित हो रहे हैं। इस वजह से भारतीय ओलम्पिक संघ ने यह फैसला लिया है।
भारतीय ओलंपिक संघ ने बयान जारी किए
शुक्रवार को भारतीय ओलंपिक संघ ने एक बयान जारी किया। इस बयान के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए वर्तमान अधिलेखक दिनेश मेहता एंड कंपनी को फिर से नियुक्त करने का फैसला लिया है। इसके अलावा आंतरिक फोरेंसिक मदरबोर्ड के लिए एक नया टेलीफोनी भी नियुक्त किया गया है। इसलिए, भारतीय ओलंपिक संघ के कार्यों को बेहतर तरीके से स्थापित किया जा सकता है। दरअसल, पिछले दिनों ‘प्योली एक्सप्रेस’ और ‘उड़न परी’ के नाम से मशहूर होने वाली पीटी उषा को भारतीय ओलंपिक संघ की कमान सौंपी गई।
पीटी उषा हैं भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष
आईओए के 95 साल के इतिहास में वह राष्ट्रपति बनने के पहले ओलंपियन और पहले अंतरराष्ट्रीय पदक विजेता हैं। इससे उनकी उपलब्धियों में एक और उपलब्धि जुड़ गई है। उषा ने सन् 2000 में सन्यास लेने से पहले भारतीय एशियाई एथलेटिक्स में दो दशक तक अपना दबदबा बनाया था। उषा देश का प्रतिनिधित्व करने वाले पहले खिलाड़ी हैं। इसके साथ ही वह महाराजा यादवेंद्र सिंह के बाद सबसे प्रमुख बनने वाले पहले खिलाड़ी भी हैं। यादवेंद्र सिंह ने 1934 में एक टेस्ट मैच खेला था। वे 1938 से 1960 तक आईओए के अध्यक्ष रहे।
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