जैकब की आर्थिक स्थिति के कारण लोगों को नशे की हालत में छोड़ दिया गया है। लोग वहां जीवन जीने के लिए जो रोज की जरूरी चीजें होती हैं, उसे भी नहीं खरीद पा रहे हैं। इस गरीबी और भुखमरी का असर पाकिस्तान में हर तबके पर हुआ है। यही वजह है कि वहां अब स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे भी अपनी शिक्षा से लौटने पर मजबूर हैं। इसकी मुख्य वजह स्कूलों की बढ़ती फीस और बच्चों के अभिभावकों की आय है। झिझकते हुए बच्चे अब छोटी उम्र में पढ़ाई लिखाई छोड़ कर काम करने निकल गए हैं।
क्या रिपोर्ट है रिपोर्ट
अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी एफपी ने हाल ही में पाकिस्तान में बच्चों के लिए कहा शिक्षा पर एक रिपोर्ट प्रकाशित की है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि बच्चा अपनी पढ़ाई कैसे छोड़े अपने घर का खर्च चलाने के लिए काम करने पर मजबूर हैं। इस रिपोर्ट में एएफपी ने एक लड़की नादिया की स्टोरी स्टेटमेंट में लिखा है कि नादिया की उम्र 16 साल है और एक स्कूल में पढ़ाई करती थी। लेकिन पाकिस्तान में पहिए के चरम पर पहुंचने के बाद उसके पैरेंट्स का घर खर्च खर्च करना मुश्किल हो गया। यही वजह रही कि नादिया ने अब अपनी पढ़ाई छोड़ अपनी मां के साथ दूसरों के घरों में घर के काम में लग गई। नादिया की तरह पाकिस्तान में कई लड़कियां ऐसी हैं जिन्होंने अब अपनी पढ़ाई छोड़ दी है।
कर्ज के कारण बढ़ रही जिम्मेवारी
पाकिस्तान इस समय पूरी तरह से कर्ज में डूबा है। पाकिस्तान की सरकार 6.5 अरब डॉलर की अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष विशेषता की एक और किश्ती और चूक से बचने के लिए भारी टैक्स और प्रभाव मूल्य में वृद्धि करने की आवश्यकता है। आपको बता दें कि आर्थिक तंगी से पाकिस्तान अगले 12 महीनों में करीब 22 अरब डॉलर और साढ़े तीन साल में कुल 80 अरब डॉलर वापस आ गया है, जबकि इसका विदेशी मुद्रा बाजार केवल 3.2 अरब डॉलर है और इसका आर्थिक विकास दर महज दो प्रतिशत है।
चीन करेगा मदद
चीन पाकिस्तान के लिए पाकिस्तान के बड़े देशों के पास गया और हर जगह से उसे मदद नहीं मिली, लेकिन अब चीन उसकी मदद करने को तैयार हो गया है। कंगाल पाकिस्तान को चीन पर 70 करोड़ डॉलर का कर्ज लगेगा। यह राशि उसे अगले हफ्ते तक मिलने की संभावना है। पाकिस्तान अखबार ट्रिब्यून के अनुसार, चीन और पाकिस्तान के बीच 70 करोड़ डॉलर के कर्ज को लेकर अभी सहमति बनी है। ऐसे में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से कर्ज न मिलने की सूरत में पाकिस्तान के लिए बड़ी राहत लेकर आया है।
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