बिजनेस स्टार्टअप क्लासरूम: ये इश्क़ नहीं आसां, बस इतना समझ लीजे, इसकी आग का दरिया है और डूबने के लिए जाना है। जिगर मुरादाबादी साहेब का ये शेर, शीलशील पर बिल्कुल सेट फ़िक्सेस है, क्योंकि जिज्ञासु भी एक स्कंध ही है, और इस स्कंध में बड़े तूफ़ान आते हैं कि फाउंडर को हिलाते हैं, तोड़ देते हैं, कुछ लोग उससे आगे निकल जाते हैं, तो कुछ लोग इस तूफान में बह जाते हैं। जब मैंने स्किलिंग यू शुरू किया था तो, 10 दिनों के बाद ही मेरे माता जी को कैंसर है, ये खबर आ गई थी, फिर उन्हें दिल्ली बुलाना, इलाज़ शुरू करना, उनका ख्याल रखना, इन सबके बीच घूमते की सभी योजनाएं फेल होने लगीं गई थी, लेकिन कहते हैं ना, ईश्वर बेहतर योजनाकार है। तो आप अपने ऊपर भरोसा रखना चाहते हैं, और लक्ष्य से नहीं भटकते हैं। शायद ही कोई ऐसा होगा जो उन दिनों नौकरी में फिर से जाने की सलाह ना दे, लेकिन मुझे पता था कि मैंने नौकरी इसलिए नहीं छोड़ी है, रेसलिंग के लिए छोड़ दिया था, ढुलमुल ही बनना था। खैर, ये सभी परेशानियां, हर हिस्से में अलग-अलग रूप में आती हैं, तो ऐसे में क्या करें जिससे कि आप उन सफल लोगों में सक्षम हों, जो आप करना चाहते हैं। कुछ चीजें मैं रखता हूं तब भी रखता हूं और आज भी रखता हूं, आपके शायद काम आ जाते हैं।
प्लान बी मत रखिए
SkillingYou से पहले भी मैंने एक जिज्ञासु शुरू किया था, करीब एक साल और 15 लाख डूबकर बंद कर दिया, लेकिन उसी वक्त मैंने ये सोच लिया था कि तुम जिज्ञासु और उस वक्त मुझे हारना नहीं होगा। और इस शोध के समय पर मेरे पास कोई प्लान बी नहीं था, पूरा करियर दाव पर था, जिज्ञासु शुरू करने का मोटिवेशन हमेशा नहीं आता है, लेकिन जब आपने ये सोच लिया है तो, बस इसी पर ध्यान रखना है, प्लान बी हमेशा एक रास्ता रहता है जहां से आप बच सकते हैं, अगर वो रास्ता ही बंद हों जाएं तो कंडीशन करो या मरो वाली हो जाती है, बस उसी से सब आसान होता है और हिम्मत आने लगती है, जब भी शुरू करें, बस एक लक्ष्य रखिये, अर्जुन चिड़िया की आंख में तीर इसलिए मार पाए थे क्योंकि उन्हें बस आंख दिख रही थी, पूरी चिड़िया नहीं। जब आपको पूरा चिड़िया और पेड़ दिखेगा, तो तीर के निशान नहीं दिखेंगे।
आप किन लोगों से सलाह ले रहे हैं, इसका ख्याल रखें
इस दुनिया में एक बात कही जाती है कि बस समस्या किसी दुसरे की हो सकती है, फिर हर इंसान की सलाह बन जाती है। जिज्ञासु में आपको ऐसे लोग मिलेंगे जो आपको सलाह देंगे, भले ही उन्होंने अपने जीवन में कोई व्यवसाय ना किया हो, सावधान हो जाएं, सलाह बस उन्ही से लें, जो जिज्ञासु दुनिया को समझें, बेहतर है, खुद के अनुकूल में रहें , अगर ना हों तो भी सबसे अहम बात, आपको मोटे वजन कर सकते हैं, कॉज में सकारात्मक तरीके से आपको राय दें, ना की आपको हताशा करें। अगर ऐसे लोग नहीं मिल रहे हैं तो मेरी सलाह यही रहेगी कि बिना किसी सलाह के बने रहें, ये ज्यादा बेहतर फैसला होगा।
बस उस दिन मत हारिये, जिस दिन हरने का मन कर रहा हो
अनुशील फाउंडर की लाइफ रोलर कोस्टर वाली होती है, सुबह लगता है, सब ठीक चल रहा है, शाम तक लगता है, कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है, इससे बेहतर तो नौकरी में ही था। बस उसी में आपको अपना मुकाम हासिल करना है, हम इंसानों को ऐसी भी आदत होती है, चीजों को कल पर टालने की तो बस दोस्ती सही जगह का इस्तेमाल करती है यानी हारने और थकने पर, जब भी कुछ सही नहीं चल रहा है रहा, या अब नहीं मिलेगा, छोड़ दें, बंद कर दें, बस उस दिन मत हारिये, उसे कल पर टाल दीजिये, भरोसा रखिए, नए सुबह नए सुझावों के साथ आता है, आपको अपनी समस्या का समाधान निश्चित रूप से मिल जाएगा। मैं अक्सर अपने लिए एक बात बताता हूं कि “मै वहां नहीं हारूंगा, जहां अधिकतर लोग हार जाते हैं क्योंकि मैं स्थान रखता हूं कि मेरी जीत भी मेरी तरह ही जट हैं, थोड़ी भरकर लेंगे।”
याद रखिये, आप उन चुनिन्दा लोगों में से हैं जिन्हें ब्रह्मांड ने चुना है, इस मुश्किल काम के लिए चुना है, तो स्पष्ट है कि आप कुछ बात करेंगे, बस आपको अपनी ऊपर भरोसा रखना होगा और आपकी जीत पक्की है।
नोटः राइटर स्किलिंग यू के संथापक और सीईओ हैं, प्रकाशित विचार उनके निजी हैं।
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