आईआईएम काशीपुर: ज्यादातर कॉलेज और संस्थान अपने यहां पढ़ने वाले छात्रों को बेहतरीन नौकरी पाने के गुर सिखाते हैं। कैंपस सालेक्शन के जरिए देश-दुनिया के टॉप ऑब्जिटिशन में उन्हें ज्वाइन करने का मौका देते हैं। लेकिन आईआईएम काशीपुर इससे कई कदम आगे बढ़कर अपने छात्रों को सिर्फ नौकरी करने के लिए नहीं बल्कि नौकरी क्रिऐट करने के लिए भी तैयार कर रहा है, हाथ पकड़कर उन्हें एक-एक कदम आगे बढ़ाना सिखा रहा है। स्टार्ट-अप, न्यू वेंचर डिवेलपमेंट, ग्रामीण इलाकों में दर्ज रोजगार के विकास के मामले, एक्सेल में एक्सपेक्ट जॉब के अवसरों की खोज करने के साथ ही इन क्षेत्रों में आगे कैसे बढ़ना है, इसके लिए भी आईआईएम काशीपुर अपने छात्रों को पूरा सपॉर्ट कर रहा है है।
अनुशीलन को बरकरार रखते हुए फंडिंग
खास बात यह है कि आपके छात्रों के साथ ही क्षेत्र के रहने वाले और छोटे कार्यक्षेत्रों को भी यह संस्थान आगे बढ़ते, कार्यक्षेत्र डिवेलप करते हैं, नए क्षेत्रों में रोजगार को फैलाते हैं, अपने रोजगार को और बेहतर तरीके से नौकरी देने के लिए निर्देश दे रहे हैं। साथ में फंडिंग के जरिए उन्हें आर्थिक मदद भी दे रहा है। काशीपुर आईआईएम का फाउंडेशन फॉर इनोवेशन ऐंड एंटरप्रेन्योरशिप डिवेलपमेंट (FIED) टीम पिछले 7 वर्षों में यहां पंजीकृत 140 रेज़िस्टेंस को अब तक 320 करोड़ रुपये की फंडिंग इंडस्ट्रीज से तैयार कर चुकी है।
इस वर्ष 25-26 फरवरी को आयोजित कृषि मेला ‘उत्तिष्ठ 2023’ इस संस्थान की यात्रा पहल का 7वां संस्करण रहा, जिसमें 10 हजार से अधिक लोग शामिल हुए और 20 स्पष्ट ने 100 से अधिक प्रचार की योजना देखी। इस मेले में देश के कई युवा उद्यमियों ने भाग लिया, जिन्होंने अलग-अलग क्षेत्रों में दौड़ के माध्यम से अपना अलग मुकाम हासिल किया है। इनमें से सनफॉक्स के संस्थापक संरक्षित जैन, ऑफबिजनेस के को-फाउंडर नितिन जैन और चाय सुट्टा बाजार के फाउंडर अनुभव दुबे ने भाग लिया और आईआईएम के सभी कृषि मेले में भाग लेने वाले युवाओं को प्रेरक भाषण देते हुए अपने खाते के उत्तर भी दिए। आईआईएम काशीपुर के निदेशक कुलभूषण बलूनी ने कहा, ‘आईआईएम काशीपुर का एफईडी प्लेटफॉर्म सही रूप से ‘उत्तिष्ठ’ के स्तर तक पहुंच गया है। हम राज्य और केंद्र सरकार के समर्थन से उद्यमशीलता को बढ़ावा देकर गृह राज्य में सामाजिक-आर्थिक बदलाव ला रहे हैं।’
सरकारी योजनाओं का लाभ पाने में मदद
प्रोफेसर बलूनी अपने संस्थान की बढ़ती लोकप्रियता और सफलता की पूरी श्रेय अपनी टीम को देते हैं। उनका कहना है कि हमारे प्रफेसर अपने कर्तव्य अधिकारियों से अलग-अलग समय पर आंदोलन कर रहे हैं और छात्रों के साथ मिलकर इनोवेटिव दस्तावेजों पर काम करते हैं, उनका मार्गदर्शन करते हैं और आने वाले समय में एक बेहतर प्रफेशनल बनने या आंत्रप्रेन्योर बनने के साथ ही मजबूत व्यक्तित्व बनने के गुण भी विकसित होते हैं। ताकि आने वाले समय में हमारे संस्थान की चिल्ड्रन लाइफ और करियर में आने वाले सभी लोगों का सामना करते हुए आगे बढ़ते रहें। एफईडी के निदेशक सफल बत्रा का कहना है कि ‘हम प्रोफेसर राज्य के अंदर चल रहे हैं प्रदर्शनकारियों के साथ ही देश के किसी भी अन्य हिस्से में चल रहे हैं को भी हर संभव मदद करते हैं। वे अपने अटैचमेंट बढ़ाने, मार्केटिंग, पैकेजिंग, समान प्रासंगिकता के नए तरीकों के साथ ही सरकारी योजनाओं का लाभ पाने में भी मदद करते हैं।’
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