गौतम अडानी पर टोनी एबॉट: ऑस्ट्रेलिया के पूर्व प्रधानमंत्री टॉनी एबॉट (टोनी एबट, पूर्व ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री) ने एक मीडिया ब्रीफिंग में अदानी ग्रुप (अडानी ग्रुप) और गौतम अदानी (गौतम अदानी) की भारी भरकम कोशिश की है। हालांकि यह पहला मौका नहीं है, जब गौतम अडानी और अडानी ग्रुप के समर्थन में ऑस्ट्रेलिया के पूर्व प्रधानमंत्री टॉनी एबॉट फ्रैंक सामने आए। टोनी एबॉट ने गुरुवार को कंपनी के लिए अपना सम्मान जताया है। जानिए पूर्व प्रधानमंत्री ने क्या कहा है।
टॉनी एबॉट ने अवलोकनीय रिपोर्ट नहीं दी है
पूर्व पीएम टॉनी एबॉट ने मीडिया से चर्चा में कहा कि वे अडानी के पक्ष में हैं। वे गौतम अडानी और उनकी टीम के भारतीयों को बिजली और ऑस्ट्रेलिया में रोजगार और समृद्धि देने के लिए उत्साहित हैं। टॉनी एबॉट ने अदानी-हिंडनबर्ग केस (Adani Hindenburg Case) के बारे में कहा कि उन्होंने अभी तक इस रिपोर्ट का विवरण नहीं देखा है।
अडानी के पक्ष में दिया गया बड़ा बयान
पूर्व पीएम टॉनी एबॉट ने कहा कि, मुझे लगता है कि अगर उनमें से कुछ संबंधित कॉर्पोरेट निगम अपना काम करेंगे। एबॉट साल 2015 में भी अडानी ग्रुप के पक्ष में आए थे। उस दौरान टॉनी एबॉट ने अदानी ग्रुप की कारमाइकल माइंस से उत्पादित माइल माइ प्रोजेक्ट के खिलाफ कोर्ट के फैसले की जमकर निंदा की थी।
ऑस्ट्रेलिया के हितैषी अदानी
टॉनी एबॉट ने कहा कि वे गौतम अडानी को ऑस्ट्रेलिया के समर्थक और हितैषी के रूप में जानते हैं। वे गौतम अडानी और उनके समूह को एक बड़ा और विविध वाणिज्यिक साम्राज्य बनाने के लिए अपनी आकांक्षा रखते हैं। एबॉट ने कहा कि मुक्त व्यापार समझौते दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंध और घरेलू व्यापार को बढ़ावा देंगे। आसान हो कि, अदानी ग्रुप की 7 लिस्टेड ऑब्जर्वर को हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट से 140 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ है।