नागालैंड चुनाव परिणाम 2023: नगालैंड विधानसभा चुनाव के संबंध में अटके एनडीपीपी-बीजेपी गठबंधन ने सत्ता कायम रखी है। बीजेपी (बीजेपी) को 12 और एनडीपीपी (एनडीपीपी) को 25 दावों पर जीत हासिल हुई है। नगालैंड में मुख्य विरोधी दल के तौर पर कोई स्थानीय पार्टी नहीं, बल्कि महाराष्ट्र की एक पार्टी उभर कर सामने आ रही है। राज्य में शरद पवार की पार्टी एनसीपी ने 7 राज्यों में जीत दर्ज की है और सबसे बड़े विपक्षी दल का तमागा हासिल कर लिया है।
कुछ साल पहले तक भूत के राज्यों पर कांग्रेस के साथ स्थानीय पार्टियों का ही एक एकत्र राज्य रहता था। हालांकि, अब स्थिति पूरी तरह से बदल गई है और बीजेपी इन राज्यों में अच्छी खासी पंथ बना ली है। वैसे, इस मामले में बीजेपी इकलौती पार्टी नहीं रह गई है। नागालैंड की बात करें, तो यहां एनसीपी के साथ ही महाराष्ट्र की ही रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया ने भी सीट जीतकर अपनी उपस्थिति दर्ज करा दी है। इसके साथ ही बिहार की जेडीयू और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) ने भी नगालैंड में सिग्नल दिखाई दे रहे हैं।
बिहार और महाराष्ट्र का जादू
60 विधानसभा क्षेत्र नगालैंड में सरकार बनाने के लिए बहुमत का पात्र 31 है और बीजेपी एलायंस के पास पर्याप्त सीटें हैं। इससे अन्य नागालैंड विधानसभा चुनाव में देश के सबसे पुराने राजनीतिक दल कांग्रेस को राज्य में एक भी सीट पर जीत नहीं मिली है। वहीं, केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास अठावले की सियासी दल रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया को 2 अलग-अलग जीत हासिल हुई है।
बिहार के मुख्यमंत्री निवर्तमान कुमार की राजनीतिक पार्टी जदयू को 3.25 प्रतिशत वोटों के साथ नगालैंड में एक सीट पर जीत मिली है। वहीं, चिराग पासवान की जनशक्ति पार्टी (रामविलास) ने राज्य में 8.6 फीसदी वोटों के साथ दो दायरे में अपनी जीत का परचम फहराया है। चौंकाने वाली बात यह है कि ये सभी आंकड़े वास्तविकता के क्षत्रपों में शामिल नहीं हैं। इनमें से दो महाराष्ट्र और दो बिहार की पार्टियां हैं। हालांकि, नागालैंड में आर जु ने भी सियासी से संपर्क किया था, लेकिन यहां पार्टी कोई चमत्कार नहीं कर सकी।
वोट शेयर में भी एनसीपी दूसरी सबसे बड़ी पार्टी है
नागालैंड में बीजेपी को 18.8 प्रतिशत और एडीपीपी को 32.2 प्रतिशत वोट मिले हैं। इस होश से दोनों के गठबंधन को कुल 51 प्रतिशत वोट प्रतिशत मिला है। वहीं, नागालैंड में शरद पारा सियासी दल एनसीपी 9.6 प्रतिशत वोटों के साथ दूसरी सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी है। कांग्रेस को 3.55 फीसदी वोट मिले हैं। इसके बावजूद वो एक सीट जीत में पहुंच नहीं सकते, जबकि 3.25 प्रतिशत वोट के साथ जेडीयू ने एक सीट हासिल कर ली।
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