पाकिस्तान उच्च मुद्रास्फीति: भारत का पोडोसी देश पाकिस्तान (पाकिस्तान) इन दिनों गंभीर आर्थिक संकट (Economic Crisis) से जूझ रहा है. पाकिस्तान में इस वजह से लोगों का जीना मुश्किल हो रहा है। लोगों के पास रोजाना इस्तेमाल होने वाली बहुत जरूरी चीजें खरीदने के लिए पैसे नहीं बचते हैं। जितना कमा रहे हैं, उससे ज्यादा उनका खर्च हो रहा है। ऐसे में पाकिस्तान की जनता भुखमरी का सामना कर रही है। देश की जनता का दर्द कोई सुनने वाला नहीं है।
रेल पटरी उद्योग
पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था अब पटरी से उतर चुकी है, उसके वापस लौटने का कोई संकेत नहीं दिख रहा है। पाकिस्तान में आटा, घी, सब्जी लेकर दूध, मांस, अंडा और पेट्रोल-डीजल तक आम आदमी की खरीद की सीमा से बाहर जा रहे हैं। इन सभी जरूरी चीजों की सेल स्काई पर हैं। पाकिस्तान में झटके (मुद्रास्फीति) ने पिछले कई रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं, और ये पिछले 58 वर्षों के सर्वोच्च स्तर पर है। पाकिस्तान में 40 प्रतिशत से अधिक हो गया है।
कम खाकर गुजारा कर रहे लोग
न्यूज मीडिया मिंट के मुताबिक, जनता अब भोजन और शिक्षा जैसी सबसे जरूरी जरूरतों को पूरा नहीं कर पा रही है। इस स्थिति से निपटने के लिए लोगों का दावा है कि वे दिन-प्रतिदिन जीवित रहने के लिए ‘कम खा रहे हैं’ और ‘कम यात्रा’ कर रहे हैं। पाकिस्तान में घरेलू सहायिका का काम करने वाला रूखसाना बिन का कहना है कि, वह हर घर से 3 से 4,000 रुपये महीना कमाती है। उन्होंने कहा, हम एक महीने में जितना कमा रहे हैं, उसका डबल खर्च हो रहा है। इसके कारण हम कम खा रहे हैं, कम यात्रा कर रहे हैं। पाकिस्तान में गेहूं का आटा भी बड़ी मुश्किल से मिल रहा है। हमारा बच्चा एक बोरी आटा गूंथने के लिए कई-कई दिनों तक लाइन में रहता है, और वह भी महंगा है। यहां तक कि बच्चा निराश हो कर वापस लोट आते हैं।
पेट्रोल-डीजल के दाम आसमान में
देश में ईंधन की सेल स्काई छू रही है, जिसमें पेट्रोल 22.20 रुपये और डीजल के दाम में 17.20 रुपये प्रति लीटर लीटर की वजह से जुड़ा हुआ है। डॉन की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, अली नाम के शख्स का कहना है कि वह अब अपने परिवार से मिलने के लिए अपने गांव की यात्रा पर नहीं जा रहा है। उसने कहा कि, पहले हम 700 से 800 रुपये में नवाबशाह से कराची चले जाते थे। लेकिन अब, बस ड्राइवर 1500 रुपये तक मांग रहे हैं। उन्होंने कहा, हमारा जीवन असंभव बन रहा है। अगर हम एक खरीदी चीज हैं, तो हम दूसरी खरीद नहीं कर सकते हैं।
क्या भविष्य में राहत मिलेगी?
अर्थशास्त्रियों के अनुसार, पाकिस्तान में हाल ही में आई बाढ़ ने कृषि योग्य भूमि के महत्वपूर्ण हिस्सों को पूरी तरह नष्ट कर दिया है। इसके बाद वित्त मंत्री द्वारा कर वृद्धि के साथ-साथ खाद्य आपूर्ति की कमी के कारण देश में झलकियां दिखाई देती हैं। अर्थशास्त्रियों को उम्मीद है कि प्राकृतिक गैस और ईंधन के दायित्व के साथ-साथ सिगरेट और सामान्य बिक्री पर होने वाले करों से आय में वृद्धि होगी, जिससे बजट संतुलित हो सकता है।
ये भी पढ़ें: RBI कार्रवाई: अब इस को- संबंधित बैंक पर आरबीआई ने प्रतिबंध लगाया, ग्राहकों को बहुत रुपये निकालने की अनुमति दी