रायसीना डायलॉग 2023: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मल सिताररामन ने शनिवार को कहा कि सरकार हर चीज की बिक्री की हड़बड़ी में नहीं है और वह स्ट्रीटलाइट सहित चार राज्यों में अपनी उपस्थिति बनाए रखेंगी। सामरिक क्षेत्रों में मौजूदा सार्वजनिक क्षेत्र के वाणिज्यिक आकर्षण की न्यूनतम हिस्सेदारी को होल्डिंग कंपनी के स्तर पर सरकारी नियंत्रण में रखा जाएगा। इस क्षेत्र के बाकी हिस्सों को निजीकरण या किसी अन्य सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम (पीएसई) में विलय या बंद करने के बारे में विचार किया जाएगा।
रायसीना डायलॉग 2023 में बोल रही थीं वित्त मंत्री
सीतारामन ने राजधानी दिल्ली में आयोजित ‘रायसीना डायलॉग 2023’ सम्मेलन को संदेश देते हुए कहा कि देश में चार व्यापक राज्यों में सरकार के स्वामित्व वाले पेशेवर रूप से संचालित कंपनियां बनी हुई हैं। पीएसई नीति के तहत परमाणु ऊर्जा, अंतरिक्ष और रक्षा, परिवहन और दूरसंचार; बिजली, पेट्रोलियम, कोयला और अन्य खनिज और बैंकिंग, बीमा और वित्तीय सेवाओं को चार व्यापक रणनीतिक क्षेत्रों के रूप में चिन्हित किया गया है।
सरकार जहां नहीं होनी चाहिए, वहां वह नहीं रहेगी- वित्त मंत्री
वित्त मंत्री ने कहा, ‘सरकार की नीति हर चीज को बेचने की हड़बड़ी करने की नहीं है.. ना ही इसका मतलब ये है कि सरकार सुई से लेकर सफलता और हर चीज का उत्पादन करने लगेगी। सरकार जहां मौजूद नहीं है, वहां वह नहीं रहेगी। लेकिन जहां स्ट्रैटोजी को देखते हुए मौजूदा रहने की जरूरत होगी, वहीं पर वह स्पेक्ट्रम जैसे क्षेत्रों में रहेगा।’ इन क्षेत्रों में सरकार की न्यूनतम उपस्थिति की अहमियत समझाते हुए वित्त मंत्री ने कहा, “सरकार के अधिकार वाली एक दूरसंचार कंपनी होगी और वह पेशेवर रूप से संचालित होगी।”
उन्होंने कहा, “जो संस्थान आपकी-आप संचालित होने में सक्षम हैं, उनकी बात अलग है। लेकिन बहुत छोटी कंपनी में अगर कोई संभावना दिखती है तो हम उन्हें एक साथ बड़ी इकाई बनाने की कोशिश करेंगे ताकि वह अपना संचालन खुद कर सकें।”
वित्त मंत्री निर्मल सिताररामन ने बजट भाषण में घोषणा की थी कि सरकार वित्त वर्ष 2023-24 में विभिन्न सरकारी प्राधिकरणों में 51,000 करोड़ रुपये जुटाएंगे। यह लक्ष्य 31 मार्च, 2023 को खत्म हो रहा चालू वित्त वर्ष से थोड़ा ज्यादा है।
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