अयोध्या मस्जिद का निर्माण: रमज़ान (रमजान) के पवित्र महीने के बाद बाबरी मस्जिद (बाबरी मस्जिद) के बदले भव्य मस्जिद का निर्माण शुरू होने की संभावना है। अयोध्या विकास प्राधिकरण (एडीए) ने धन्नीपुर ज़िले के तामीर के अंतिम फैसले पर मुहर लगा दी है और धन्नीपुर ज़िला के निर्माण को अपना अंतिम अधिकार दे दिया है। ग्लोबल बोर्ड बैठक में परिसर के लेआउट को मंजूरी देने के बाद काम में तेजी आई है।
दरअसल, बाबरी मस्जिद-राम जन्मभूमि फैसले में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर सरकार ने अयोध्या जिले के धन्नीपुर गांव में पांच एकड़ जमीन दी थी जिस पर इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ट्रस्ट की दिशा से एक मस्जिद, अस्पताल, अनुसंधान केंद्र, सामुदायिक रसोई और एक लाइब्रेरी का निर्माण किया गया है।
सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को लेआउट किया जाएगा
जिला मजिस्ट्रेट और एडीए अयोध्या के अध्यक्ष निवर्तमान कुमार ने कहा कि हाल ही में बोर्ड की बैठक में अयोध्या की मस्जिद सह जटिल परियोजना के लिए सभी आकर्षण को मंजूरी दी गई थी। कुछ अधिकारिक प्राधिकरणों को पूरा करने के बाद अगले कुछ दिनों में मस्जिद का कब्जा लेआउट सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड (SCWB) को सौंप दिया जाएगा।
सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड बुलाएगा बैठक
सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड (SCWB) ने विकास को एक बड़ा कदम बताया और कहा कि वह इस संबंध में शायद रमज़ान के बाद एक बैठक बुलाएगा। बोर्ड ने कहा कि हम इस कदम की सराहना करते हैं। हम रमज़ान के बाद एक बैठक बुलाएंगे जहां हम निर्माण शुरू करने की योजना को अंतिम रूप देंगे। उसी बैठक में हम मस्जिद परिसर का निर्माण शुरू करने की अंतिम तिथि भी तय करेंगे। रमज़ान का पवित्र महीना 22 मार्च से शुरू होकर 21 अप्रैल को समाप्त होगा।
क्या था सुप्रीम कोर्ट का फैसला
9 नवंबर, 2019 को सुप्रीम कोर्ट के संविधान पीठ ने अयोध्या में उस स्थान पर एक मंदिर के निर्माण की अनुमति दी, जहां 16वीं शताब्दी की बाबरी मस्जिद को एक बार लगाया गया था और जिसे कारसेवकों द्वारा गिरा दिया गया था। इसी फैसले में सरकार से बाबरी मस्जिद के बदले मस्जिद के निर्माण के लिए अयोध्या में एक “प्रमुख और उपलब्ध” पांच एकड़ जमीन दर्ज करने के लिए भी कहा था।
ये भी पढ़ें:
किसी भी क्षण भारत का हिस्सा बन जाएगा POK, हरियाणा के मंत्री कमल गुप्ता का दावा