छोटी बचत दर में वृद्धि: 31 मार्च 2023 को केंद्र सरकार एक बार फिर छोटी बचत योजनाओं के लिए व्याकुलता की समीक्षा करेगी। और माना जा रहा है कि छोटी वित्तीय योजनाओं में निवेश करने वाले सहमत सरकार को फिर से सौगात दे सकते हैं। वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) वित्त वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही अप्रैल से जून तक के लिए बचत योजनाओं के लिए ब्याज योजनाओं की समीक्षा करेगा, जिससे फिर से इन योजनाओं पर दिए जाने वाले ब्याज को बढ़ाने की योजना बनाई जा सकती है।
पिछली बार सरकार ने 30 दिसंबर, 2022 को छोटी बचत योजनाओं पर 20 से 110 आधार बिंदु पर ऋण लेने का निर्णय लिया था। हालांकि पीपीएफ (पीपीएफ) सुकन्या समृद्धि योजना (सुकन्या समृद्धि योजना) पर दिए जाने वाले ब्याज में कोई बदलाव नहीं किया गया था। लेकिन उसके बाद आरबीआई ने 8 फरवरी 2023 को मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी की मीटिंग के बाद 25 बेसिस प्वाइंट रेटिंग बढ़ा दी थी। अब रेपो रेट 6.50 प्रतिशत हो जाता है। बैंकों की अगली मॉनिटरी पॉलिसी मीटिंग 3 से 6 अप्रैल तक है। जनवरी महीने के लिए रिकॉर्ड दर के 6.52 प्रतिशत के स्तर पर जाने के बाद अप्रैल में फिर से रेपो रेटिंग आरबीआई बढ़ा सकते हैं। इसके चलते छोटी-छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दर बढ़ने की संभावनाएं बन रही हैं।
30 दिसंबर को सरकार ने वित्त वर्ष 2022-23 की चौथी तिमाही जनवरी से मार्च तक के लिए किसान विकास पत्र (किसान विकास पत्र), पोस्ट ऑफिस की बचत योजनाएं (डाकघर जमा योजनाएं) एनएससी (एनएससी) और सीनियर सिटीजन सेविंग विकल्प (वरिष्ठ) सिटीजन सेविंग स्कीम्स) पर सींक था। लेकिन इस बार पीपीएफ, सुकन्या समृद्धि योजना का बजट भी बढ़ाया जा सकता है। मौजूदा पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (पीपीएफ) पर 7.1 प्रतिशत, सुकन्या समृद्धि योजना (सुकन्या समृद्धि योजना) पर 7.6 प्रतिशत का ब्याज मिलता है।
छोटी बचत योजनाओं पर लाभ बढ़ने का आधार है क्योंकि वित्त मंत्री निर्मल सितारामन ने बजट में महिला सम्मान डिपॉजिट को लॉन्च किया है, जिसमें दो साल तक सालाना 7.50 प्रतिशत वेज मिल रहा है। छोटी बचत योजनाओं पर ध्यान दिया जाता है। इसलिए आराम कार्यस्थल की उम्मीद है।
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