कोविड-19 पर आरएमएल निदेशक: देश में कोरोना और H3H2 वायरस के मामलों को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बड़े पैमाने पर स्वास्थ्य अधिकारियों और विशेषज्ञों के साथ जाल बिछाया है। इस बैठक में वायरल इन्फेक्शन के आगे बढ़ने के मामलों पर चर्चा की गई। नौकरानियों पर उन मामलों में जो H3H2 वायरस की वजह से फैल रहे हैं। इस अहम मीटिंग में राम मनोहर लोहिया हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉ. अजय शुक्ला भी मौजूद थे।
बैठक के बाद डॉक्टर अजय शुक्ला ने समाचार एजेंसी एनी से बातचीत में कहा, “कल स्वास्थ्य सेवाओं के सबसे वरिष्ठ वरिष्ठ अधिकारियों और चिकित्सा के लिए राज्यों की संख्या के साथ बैठक की। मीटिंग में बड़ी चर्चा की गई। COVID-19 खत्म हो गया है लेकिन कई अन्य वायरल संक्रमण अभी भी मौजूद हैं, विशेष रूप से H3N2।” उन्होंने आगे बताया कि जानकारों ने आशंका व्यक्त की है कि जिन लोगों की प्रतिरक्षा कम है उन लोगों के लिए खतरनाक वायरस हो सकता है।
गलती में क्या-क्या डिस्कस हुआ?
उन्होंने बताया, “हम लोगों ने ये तय किया है कि अगर लोग सार्वजनिक स्थानों पर जाते हैं, नौकरी पर ऐसी जगहों पर जहां पर संक्रमण का खतरा ज्यादा होता है, विशेष रूप से कई क्षेत्रों में जहां पर अलग-अलग संक्रमण वाले मरीज आते हैं। ऐसी जगहों पर मास्क लगाना अनिवार्य कर दिया जाता है। मास्क न सिर्फ डॉक्युमेंट से बल्कि दूसरे वायरल इंफेक्शन से भी एक्सेप्ट।”
दिल्ली | कल स्वास्थ्य सेवाओं के महानिदेशक ने केंद्रीय अस्पतालों के वरिष्ठ अधिकारियों और चिकित्सा के विशेषज्ञों के साथ बैठक की। कोविड खत्म हो गया है लेकिन कई अन्य वायरल संक्रमण अभी भी मौजूद हैं, विशेष रूप से H3N2: वायरल संक्रमण पर आरएमएल अस्पताल के निदेशक डॉ. अजय शुक्ला pic.twitter.com/poJ6GFgwDa
– एएनआई (@ANI) 6 मार्च, 2023
उनका कहना है कि अगर लोग मास्क का इस्तेमाल करते हैं तो इससे काफी हद तक मदद मिलेगी। इसके अलावा इन वायरस से बचने के लिए टीकाकरण शुरू करने का फैसला ले रहे हैं। उन्होंने ये भी बताया कि H3H2 संक्रमण अभी भी हवा में मौजूद है लेकिन ये COVID वैरिएंट नहीं है।
वहीं, आरजेडी अस्पताल में चेस्ट डिपार्टमेंट के एमडी डॉ. अमित सूरी का कहना है कि उनके पास हर रोज वायरल संक्रमण के 20 से 25 प्रतिशत मामले आ रहे हैं। कई रोगी तो वृद्ध श्रेणी के हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में जिन सूचनाओं का पालन किया गया, उन सभी कदमों का पालन करना चाहिए।
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